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Gagret By Election : चोला बदलकर आने वालों का कड़ा इम्तिहान,वर्करों के सामने भी बड़ा सवाल
Chaitanya Sharma v/s Rakesh Kalia: गगरेट। हिमाचल में ऐसा पहली हो रहा है कि लोकसभा(loksabha) के साथ-साथ छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव (By-elections in six assembly constituencies)हो रहे हों। वह भी ऐसी स्थिति में जब बीजेपी ने छह के छह विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के बागियों को अपना कैंडिडेट बनाया हो। ऐसे में मतदाताओं के सामने भी असमंजस की स्थिति बन जाती है,जब ऐसा उलटफेर होता है। बात गगरेट विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां पर बीजेपी ने कांग्रेस के बागी चैतन्य शर्मा (Chaitanya Sharma) को अपना कैंडिडेट बनाया है तो कांग्रेस ने बीजेपी से लौट आए राकेश कालिया (Rakesh Kalia) पर दांव खेला है। यानी चेहरे पुराने हैं बस पार्टी बदलकर मैदान में उतरे हैं।
अब वे उनका नारा कैसे लगाएंगे
अब इन दोनों को भी इस बात की कहीं ना कहीं चिंता है कि क्या कार्यकर्ता उन्हें दिल से अपनाएंगे, उनके साथ चलेंगे। जिनका कार्यकर्ता विरोध करते रहे, अब वे उनका नारा कैसे लगाएंगे। इस स्थिति में बीजेपी और कांग्रेस के सामने भी भितरघात से निपटने की भी चुनौती है। गगरेट (Gagret) में टिकट आवंटन से पहले कांग्रेस के धरती पुत्रों को टिकट देने का नारा बुलंद हुआ था, लेकिन कांग्रेस आला कमान ने राकेश कालिया को सशक्त उम्मीदवार मानते हुए फिर उन पर विश्वास जताया है।
राजेश ठाकुर संगठन सर्वोपरि की तर्ज पर काम कर रहे
बीजेपी के पूर्व विधायक राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) संगठन सर्वोपरि की तर्ज पर काम कर रहे हैं। गगरेट में मतदाता चुप्पी साधे हुए हैं। कोई भी अपने पत्ते नहीं खोल रहा है। दोनों ही दलों में भितरघात की आशंका के बीच कार्यकर्ताओं और नाराज नेताओं को समझाने- बुझाने का दौर भी जारी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा दल भितरघात के डेंट को कंट्रोल करने में कामयाब होगा। यह भी तय है कि जिस दल में भितरघात ज्यादा होगा, उस दल को नुकसान झेलना होगा।
-सुनैना