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सीएम सुक्खू ने शिमला में कंस्ट्रक्शन, खुदाई और पेड़ काटने पर लगाई रोक
शिमला। हिमाचल प्रदेश में तबाही की बारिश के बाद धूप निकलने पर मिट्टी के चटकने को लेकर चिंतित सुक्खू सरकार ने शिमला में कंस्ट्रक्शन, खुदाई और पेड़ काटने (Construction, Mining and Cutting Trees Banned in Shimla) पर रोक लगा दी है। सीएम ने गुरुवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि कुल्लू में बुधवार को लैंडस्लाइड (Landslide in Kullu) की घटना के बाद सरकार इस मामले में गंभीर है। इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। सीएम ने कहा कि मौसम साफ होने के बाद लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ गया है। अभी सरकार का पूरा ध्यान बागवानों की फल-सब्जियों को मंडी तक पहुंचाना है। इसको लेकर बैठक में चर्चा हुई है।
खतरनाक पेड़ों को सर्वे के बाद काटा जाएगा
सीएम ने साफ कर दिया कि शिमला में जो खतरनाक पेड़ हैं, उनके गिरने की आशंका और सुरक्षा को लेकर वैज्ञानिक सर्वे होने के बाद ही उन्हें काटा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला में कंस्ट्रक्शन की तकनीक किस तरह की हो, सॉफ्ट और हार्ड जमीन पर मकान की ऊंचाई कितने मंजिल की हो, इसके बारे में भी मंथन जारी है। भवन निर्माण तकनीक (Construction Technology) के मामले में पिछले 40 साल से जो व्यवस्था चली आ रही है, उसमें सरकार जरूरी बदलाव करेगी।
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केंद्र को लिखी चिट्ठी
सीएम ने कहा कि हाल की प्राकृतिक आपदा में जिन लोगों के मकान गिर गए हैं या फिर जमीन ही चली गई है, उन्हें राहत देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। मामला वन संरक्षण अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम को लेकर है। प्रदेश सरकार ने जमीन के बदले जमीन देने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। राज्य सरकार यह भी इंतजार कर रही है कि हिमाचल प्रदेश को हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए या स्पेशल पैकेज मिले ताकि प्रदेश में प्रभवितो की मदद हो सके।