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10 घंटे इंतजार के बाद जेओए आईटी अभ्यर्थियों को सीएम सुक्खू से मिला बस आश्वासन
शिमला। कंपकंपाती ठंड में अपनी नौकरी का पुख्ता इंतजाम करवाने के लिए जेओए आईटी कोड 817 के अभ्यर्थी (JOA IT Code 817 Candidates) शुक्रवार सुबह 8 बजे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) से अपना दर्द ब्यां करने पहुंचे। करीब 10 घंटे के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सीएम सुक्खू इन अभ्यर्थियों से मिलने पहुंचे। सीएम ने इन्हें आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार इनके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मजबूती के साथ पक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार हमेशा से ही बेरोजगारों के पक्ष में ही काम करती आ रही है।
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इससे पूर्व सायं पांच बजे तक ये अभ्यर्थी सीएम से मिलने के लिए सचिवालय स्थित संवाद केंद्र में इंतजार करते रहे, मगर सीएम साहब दूसरी मीटिंग में व्यस्त रहे। जेओए आईटी के अभ्यर्थियों का गुस्सा उस वक्त फूटा जब सचिवालय के कर्मचारी दिन की डयूटी पूरी कर अपने अपने घरों को जाने लगे। लेकिन सीएम सुक्खू (CM Sukhu) इनसे मिलने नहीं आ सके। ये लोग सचिवालय की सड़कों पर उतरे और प्रदेश सरकार के खिलाफ बाते भी करने लगे। यह अभ्यर्थी अपने साथ उन क्लिपिंग को भी साथ लेकर आए, जिसे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh)और विधायक राजेंद्र राणा द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी। सरकार के इन माननीयों ने लिखा था कि सत्ता में आते ही जेओए आईटी 817 का समाधान करेंगे।
हमने कांग्रेस को दिया है वोट
दिन भर सीएम का इंतजार करने के बाद इन अभ्यर्थियों का गुस्सा फूटा तो इन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए सड़कों पर अपने आंसू भी बहाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि हमने कांग्रेस (Congress) को वोट दिया है। बताया जा रहा है कि सीएम से मिलने पहुंचे ये लोग प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से थे। साथ ही ऐसी महिलाएं भी थीए जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़ कर आई थी। ऐसे में सुबह से भूखे प्यासे यह लोग सचिवालय में सीएम का इंतजार करते रहे।
कमीशन पास करके दिखाए नेता
गुस्साए जेओए आईटी 817 के एक अभ्यर्थी ने प्रदेश सरकार में बैठे नेताओ को चुनौती देते हुए कहा कि वे कमीशन पास करके दिखाए। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत के साथ हमने परीक्षा पास की थी, लेकिन सरकार ने तीन साल से नियुक्तियां नहीं दी। कहने लगे कि शिमला में सीएम से मिलने के लिए उन्होंने घर वालों से पैसे मांग कर यहां पहुंचे हैं।
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