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एचआरटीसी में शामिल होंगी विद्युत चालित बसें, रोजगार के लिए चलाएंगे ई-टैक्सी
शिमला। सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने शुक्रवार को यहां परिवहन विभाग की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसमें उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Deputy CM Mukesh Agnihotri) विशेष रूप से उपस्थित रहे। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने तथा हरित ऊर्जा (Green Energy)के अधिकतम दोहन को प्राथमिकता प्रदान करते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत चालित वाहनों के संचालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
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सीएम ने कहा कि परिवहन विभाग को विद्युत चालित वाहनों (Electric Vehicle) से लैस कर दिया गया है और अब हिमाचल पथ परिवहन निगम में भी विद्युत चालित वाहनों का समावेश किया जाएगा। उन्होंने परिवहन निगम के बेड़े में चरणबद्ध ढंग से विद्युत चालित बसें शामिल करने के निर्देश दिए। सीएम ने परिवहन निगम को विद्युत चालित वाहन निर्मात्ताओं के साथ बैठक कर विभिन्न औपचारिकताएं पूर्ण करने को भी कहा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में रोजगार के अवसर सृजित करते हुए प्रदेश के युवाओं को भी इससे जोड़ा जाएगा। युवाओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर ई-टैक्सी जैसी सुविधा प्रदान करने पर भी विचार किया जाएगा।
ब्रिटिश उच्चायोग के प्रतिनिधिमंडल ने की सीएम से भेंट
ब्रिटिश उच्चायोग में जलवायु परिवर्तन नीति की प्रमुख एरीना कोसेक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को शिमला में सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर है तथा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में इलेक्ट्रिक वाहन संचालन मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इंडिया-यूके पैक्ट के तहत शिमला शहर में करवाए गए सर्वेक्षण के निष्कर्ष शिमला को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को इस विषय पर अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान करने का आग्रह किया। एरिना कोसेक ने कहा कि इंडिया-यूके पैक्ट के तहत शिमला शहर में इलेक्ट्रिक वाहन संचालन, बहुस्तरीय परिवहन तथा रज्जूमार्ग इत्यादि पर मूल सर्वेक्षण करवाया गया है। इंडिया-यूके पैक्ट के तहत राज्य तथा शहर स्तर पर सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक वाहन संचालित बनाने के उद्देश्य से नीति तथा संस्थागत कमियों को चिन्हित करने के लिए रिसर्च ट्राइएंगल इन्स्टीच्यूट को वित्तपोषित किया जाता है।
ड्रोन टेक्नोलॉजी बदलेगी हिमाचल की तस्वीर
वहीं गुरुवार देर शाम को सीएम ने ड्रोन प्रौद्योगिकी से संबंधित आयोजित बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ड्रोन प्रौद्योगिकी (Drone Technology) के उपयोग से जन.सुविधाओं को त्वरित और सुगम बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। सीएम ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में सरकारी क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम और समय की बचत के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी का सरकारी क्षेत्र में व्यापक उपयोग करने की तैयारी कर रही है। आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग करते हुए प्रदेश की जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।