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शर्तें नहीं मानने वाले हाइडल प्रोजेक्टों को वापस लेगी सरकार- सीएम सुक्खू बोले- लड़ाई शुरू कर दी है
Himachal Budget Session: हिमाचल विधानसभा बजट सत्र (Himachal Vidhansabha Budget Session) के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा है कि सरकार की शर्तें नहीं मानने वाले हाईडल प्रोजेक्टों को उनकी सरकार वापस लेगी। राज्य की पूर्व सरकारों ने एनएचपीसी को 12 फीसदी रायल्टी की शर्त पर हमेशा के लिए प्रोजेक्ट दिए हैं, जो गलत है। सुक्खू ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एनएचपीसी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Union Energy Minister Manohar Lal Khattar) को स्पष्ट कर दिया है कि एनएचपीसी 12, 18 और 30 प्रतिशत रायल्टी तथा 40 साल बाद प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार को वापस करने की शर्त को यदि नहीं मानती है, उसे आवंटित सभी प्रोजेक्ट वापस ले लिए जाएंगे।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक नीरज नैय्यर के एक सवाल के जवाब में सीएम कहा कि कि प्रदेश में पूर्व में स्थापित हाईडल प्रोजेक्टों में हजारों बीघा सरप्लस जमीन है और इसे वापस हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार ने लड़ाई शुरू कर दी है। इनमें एनएचपीसी और बीबीएमबी (NHPC and BBMB) के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
एनएचपीसी को पत्र लिख दिया है
सीएम ने कहा कि बैरा-स्यूल हाईडल प्रोजेक्ट (Baira-Siul Hydel Project)की 40 साल की लीज अवधि पूरी हो चुकी है, लेकिन पूर्व सरकार ने इस प्रोजेक्ट की लीज अवधि को 20 साल और बढ़ा दिया है। इस प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए एनएचपीसी को पत्र लिख दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार एनएचपीसी के पास सरप्लस जमीन का पता लगाने के लिए अध्ययन करेगी और इसे वापस लेने के लिए लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी हाईडल प्रोजेक्ट में विस्थापितों को रोजगार में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएचपीसी के साथ इस संबंध में हस्ताक्षरित एमओयू की समीक्षा की जाएगी और इस तरह के प्रावधानों को लागू करवाने का प्रयास किया जाएगा। इसी मुद्दे पर डॉ. हंसराज ने कहा कि खासकर चंबा जिले में एनएचपीसी की दादागिरी चल रही है। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार एनएचपीसी के पास सरप्लस जमीन को वापस संबंधित लोगों को वापस दिलाएगी।
संजू चौधरी
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