-
Advertisement
Congress | Himachal | Politics |
भंग चल रही हिमाचल कांग्रेस का गठन दाव-पेच के चक्कर में फंसकर रह गया है। कहने-दिखाने को लगाए गए पर्यवेक्षक ब्लॉक स्तर पर जाकर कागजी चिट्ठा बनाने में लगे हुए हैं,लेकिन असल लडाई तो दो गुट लड रहे हैं। संगठन तो कब बनेगा,लेकिन जब भी बनेगा अध्यक्ष बदलने के साथ ही। नवंबर माह से भंग चल रही हिमाचल कांग्रेस में इस वक्त सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष ही बची हुई हैं,बाकी सब घर बैठे हुए हैं। अब लड़ाई तो प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की लड़ी जा रही है। वर्तमान में प्रतिभा सिंह अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हैं उन्हें उस वक्त अध्यक्ष की कुर्सी थमाई गई थी जिस वक्त कुलदीप राठौर को हटाकर सुखविंदर सिंह सुक्खू या मुकेश अग्निहोत्री अध्यक्ष बनना चाहते थे। पार्टी हाईकमान ने चुनाव में स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम को जोड़े रखने के इरादे से ऐसा किया। विधानसभा के चुनाव हो गए कांग्रेस सत्ता में आ गई लेकिन वीरभद्र परिवार के हाथ बडी कुर्सी नहीं लगी। पार्टी हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ नंबर गेम देखते हुए उन्हें सीएम की कुर्सी थमा दी। तब से लेकर कई मौके ऐसे आ गए जब सरकार व संगठन अलग.अलग दिखे। इस बीच सीएम सुक्खू के करीबी संजय अवस्थी को पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्ष भी बना दिया लेकिन नजरें तो अध्यक्ष की कुर्सी पर टिकी रही।