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Himachal Congress : हारे और जमानत जब्त नेताओं की होगी छुट्टी, उम्र भी टिकट लेने में बनेगी रोड़ा
शिमला। कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल (Himachal) प्रदेश में पार्टी संगठन में बदलाव को फिलहाल टाल दिया है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रदेश के शीर्ष कांग्रेसी नेताओं को पंजाब-उत्तराखंड की गुटबाजी से सबक लेने का संदेश दिया है। इसके साथ ही साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में सभी को एकजुट होकर उतरने की सलाह भी दी है। पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसी पर मंथन के लिए मंगलवार शाम 5:00 बजे नई दिल्ली में सोनिया गांधी ने हिमाचल के शीर्ष 21 नेताओं से मीटिंग की।
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अढाई घंटे चली मीटिंग में इस बात पर भी सहमति बनी की बार-बार चुनाव (Election) हारने वाले नेताओं के टिकट कटेंगे। इस दौरान सोनिया ने कहा कि संगठन में बिखराव न आए, इसके लिए वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है। पार्टी के पूर्व विधायक, युवा नेता क्यों त्यागपत्र देकर दूसरे दलों में जा रहे हैं, इस पर भी चर्चा हुई। हाईकमान ने कहा कि संगठन पदाधिकारियों की जो नाराजगी है उसे दूर करें, ताकि संगठन में किसी प्रकार का बिखराव न हो। हिमाचल में मई महीने में नगर निगम शिमला Municipal Corporation Shimla) के चुनाव हैं। पार्टी आलाकमान ने इन चुनावों को भी गंभीरता से लेने को कहा है। हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश चुनाव समिति, प्रचार समिति, चुनावी घोषणा पत्र कमेटी (Election Manifesto Committee), से लेकर कई अन्य तरह की कमेटियां गठित की जाएंगी। कमेटियों में वरिष्ठ पदाधिकारियों को शामिल किया जाएगा। इस पर भी बैठक में गंभीरता से चर्चा हुई।
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कांगड़ा में दिखेगा सबसे ज्यादा नए फैसलों का असर
कांग्रेस हाईकमान के नए फैसले और नीति निर्धारण का असर प्रदेश में काफी दिखेगा। इसका सबसे बड़े असर जिला कांगड़ा(Kangra) में पड़ेगा। यहां पर कई नेता ऐसे हैं जो दो बार हारे हैं तो कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिनकी जमानत जब्त हुई है, जबकि कुछ नेता ऐसे हैं जो बुजुर्ग हो चुके हैं और तय नियमों की दहलीज को पार कर गए हैं। ऐसे में उन नेताओं को अपने भविष्य के लिए अभी आने वाले समय में परेशानी से दो चार होना पड़ सकता है। कांग्रेस (Congress) के नए फार्मूले के अनुसार लगातार दो चुनाव हारे, जमानत जब्त वाले और उम्रदराज नेताओं को पार्टी प्रत्याशी नहीं बनाएगी।
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इन नेताओं पर लटकी तलवार
जिला कांगड़ा में 15 विधानसभा क्षेत्र हैं। ऐसे में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी विजय इंद्र कर्ण (Vijay Indra Karna) की जमानत जब्त हुई है, जबकि मुख्य चुनाव में कांग्रेस के ही प्रत्यासी सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) को हार का सामना करना पड़ा है और उपचुनाव में सुधीर शर्मा के बजाय पार्टी ने विजय इंद्र कर्ण पर दांव खेला। शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां कांग्रेस के प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया (Kewal Singh Pathania) लगातार दो बार चुनाव हारे हैं। ऐसे में पार्टी हाईकमान के तय फैसले मुताबिक अब पार्टी के नियमों की तलवार केवल सिंह पठानिया पर भी लटक सकती है, जबकि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की बात करें तो जवाली से चंद्र कुमार सीनियर व बढ़ती उम्र के नेता हैं, इसी तरह से देहरा विधानसभा क्षेत्र से विप्लव ठाकुर भी चुनाव हारी हैं और सीनियर व बढ़ती उम्र की नेता हैं।
नगरोटा बगवां से वरिष्ठ नेता जीएस बाली (GS Bali) अब इस दुनिया में नहीं है। वह भी पिछला चुनाव हारे थे। अब कांग्रेस यहां से उनके बेटे को चेहरा बना रही है। फतेहपुर में सुजान सिंह पठानिया (Sujan Singh Pathania) के देहांत के बाद उनका बेटा भवानी पठानिया उपचुनाव में विधायक बने हैं। पालमपुर से पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता बृज बिहारी लाल बुटेल के बेटे आशीष बुटेल (Ashish Butail) विधायक हैं। कांगड़ा से पवन काजल कांग्रेस के विधायक है पर लोकसभा के चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाया गया था और वह चुनाव हार गए थे। जयसिंहपुर से मिल्खी राम गोमा के बेटे यादवेंद्र गोमा (yadavender Goma) विधायक थे, पर पिछला चुनाव हारे हैं। इंदौरा कांग्रेस कमल किशोर चुनाव हारे हैं।
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