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दलाई लामा का चीन को बड़ा झटका,मंगोलियाई बच्चे को बनाया बौद्ध धर्म का तीसरा बड़ा गुरु
तिब्बती धर्मगुरु (Tibetan Spiritual Guru) दलाई लामा ने चीन को जोर का झटका देते हुए अमेरिका में पैदा हुए एक मंगोलियाई बच्चे (US-born Mongolian child) को बौद्ध धर्म में तीसरे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक गुरु के पुनर्जन्म (Reincarnation of Third most important Spiritual Guru in Buddhism) के रूप में नामित किया है। दलाई लामा का ये कदम चीन को चिढ़ाने वाला है और माना जा रहा है कि उन्होंने अपने इस कदम से भारत-चीन विवाद (India-China dispute) में मंगोलिया को भी खींच लिया है। हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज (Himachal Pradesh’s Mcleodganj) में एक समारोह के दौरान आठ साल के मंगोलियन लड़के को दलाई लामा ने बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे बड़ा गुरु नामित किया है और उनकी तस्वीर अब जाकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तिब्बती धर्मगुरु 87 साल के दलाई लामा (Dalai Lama) मैक्लोडगंज में निर्वासन में रहते हैं। दलाई लामा को लेकर चीन हमेशा दोषारोपण करता रहता है।
बच्चे की दादी मंगोलियाई की सांसद रही हैं
मंगोलियाई मूल का 8 साल का ये बच्चा अब दलाई लामा और पंचेन लामा के बाद बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे बड़ा गुरु बन गया है और दलाई लामा ने इस बच्चे को 10वें खलखा जेटसन धम्पा रिनपोछे (10th Khalkha Jetsun Dhampa Rinpoche) का पुनर्जन्म होने के तौर पर मान्यता दी है। बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म का काफी महत्वपूर्ण (Reincarnation is very important in Buddhism) स्थान है और माना जाता है कि धर्मगुरुओं का पुनर्जन्म होता है और उन्हें फिर से गुरु बनाने के लिए उनकी तलाश की जाती है। ऐसा माना जाता है कि धर्मगुरु का जन्म पूरी दुनिया में कहीं भी हो सकता है। मंगोलियाई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ये बच्चा, जुड़वां बच्चों में से एक है, जिसका नाम अगुइदाई और अचिल्टाई अल्टानार है, जो अलतनार चिंचुलुन और मोनखनासन नर्मंदख के बेटे हैं। बच्चे के पिता अलतनार चिंचुलुन एक विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर और राष्ट्रीय संसाधन समूह की सीईओ हैं। बच्चे की दादी, गरमजाव सेडेन मंगोलियाई संसद की सांसद रह चुकी हैं।
भड़क सकता है चीन
मंगोलिया में बौद्ध धर्म (Buddhism in Mongolia) के आध्यात्मिक गुरु के पुनर्जन्म के रूप में उन्हें स्वीकार करने के कदम से चीन नाराज हो सकता है जिसने पहले जोर देकर कहा था कि वह केवल उन बौद्ध गुरूओं को मान्यता देगा जिन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित विशेष नियुक्तियों ने चुना है। चीन की कोशिश है कि दलाई लामा के जगह पर भी किसी चीनी बच्चे को अगला दलाई लामा बनाना है, लिहाजा मंगोलियाई बच्चे को तीसरा बड़ा गुरु बनाने से चीन भड़क सकता है।