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कुल्लू। हिमाचल (Himachal) में कोरोना (Corona) के साथ ही बर्ड फ्लू का भी हल्ला है। पूरे प्रदेश बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट है। हालांकि, अभी कांगड़ा (Kangra) जिला में ही पौंग झील में प्रवासियों पक्षियों और फतेहपुर क्षेत्र में तीन मृत कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, बाकी प्रदेश में कोई मामला सामने नहीं आया है। हिमाचल के अन्य जगहों से भी पक्षियों के मरने के मामले सामने आ रहे हैं। वन विभाग मृत पक्षियों के सैंपल लेकर जांच को भेज रहा है, लेकिन अभी तक किसी पक्षी में बर्ड फ्लू (#Birdflu) नहीं पाया गया है। वहीं, पक्षियों की मृत्यु का कारण टावरों से उत्सर्जित होने वाली विद्युत चुंबकीय विकिरण भी हो सकती है। इसकी संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन कुल्लू के उपनिदेशक डॉ. संजीव नड्डा ने कहा कि कुल्लू के वर्कशॉप क्षेत्र के समीप वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय एवं उसके आसपास गत सोमवार को चार कौवें तथा तीन मैना मृत पाए गए थे। पशु पालन विभाग (Animal Husbandry Department) एंव वन विभाग ने तुरन्त कारवाई करते हुए समूचे क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सामान्य परीक्षण में बर्ड फलू के कोई बाहरी लक्षण नहीं पाए गए, फिर भी बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर मृत पक्षियों को जांच के लिए वन्य प्राणी विभाग के माध्यम से क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला जालंधर भेज दिया गया है।
डॉ. नड्डा ने कहा कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि उपरोक्त क्षेत्र में चार मोबाइल टावर (Mobile Tower) भी स्थापित हैं और पक्षियों की मृत्यु का कारण इन टावरों से उत्सर्जित होने वाली विद्युत चुंबकीय विकिरण अथवा अन्य कारण भी हो सकता है। घरेलू कुक्कुट पक्षियों में अभी तक बर्ड फलू के कोई भी बाहरी लक्षण नहीं पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी निरन्तर गांव-गांव जाकर इन पक्षियों का निरीक्षण कर रहे हैं। अतः स्थानीय लोगों से अपील की जाती है कि उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। उपनिदेशक ने लोगों से अपील की है कि यदि कहीं पर कोई पक्षी मृत दिखाई दे तो तुरंत से इसकी सूचना पशु स्वास्थ्य विभाग अथवा 1077 पर करें, ताकि आवश्यक पग उठाए जा सके।
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