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रक्षा मंत्री Rajnath Singh का बड़ा ऐलान – 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर लगेगी रोक
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में आत्मनिर्भरता की पहल को आगे बढ़ाने के लिए आज एक बड़ा ऐलान किया है। राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि मंत्रालय ने 101 उन रक्षा उपकरणों की सूची तैयार की है जिनके आयात पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने बताया कि यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस लिस्ट में ना केवल कुछ पार्ट्स शामिल हैं बल्कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियार मसलन असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, LCH, रडार और कई अन्य चीजें शामिल हैं। रक्षा मंत्री के मुताबिक यह फैसला पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आह्वान पर किया गया है। इस फैसले से भारत के रक्षा उद्योग को बड़े पैमाने पर उत्पादन का अवसर मिलेगा। इस फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को निगेटिव लिस्ट में शामिल आइटम्स के निर्माण का अवसर मिलेगा।
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The Ministry of Defence is now ready for a big push to #AtmanirbharBharat initiative. MoD will introduce import embargo on 101 items beyond given timeline to boost indigenisation of defence production.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर ऐसी सेवाओं की लगभग 260 योजनाओं को त्रि-सेवाओं द्वारा अनुबंधित किया गया था। ऐसा अनुमान है कि अगले छह से सात साल के भीतर लगभग चार लाख करोड़ रुपये के अनुबंध घरेलू उद्योग पर रखे जाएंगे। लगभग 1,30,000 करोड़ रुपए की वस्तुएं सेना और वायु सेना के लिए अनुमानित हैं, जबकि नौसेना के लिए लगभग 1,40,000 करोड़ रुपए की वस्तुओं का अनुमान लगाया गया है।
Prime Minister Shri @narendramodi has given a clarion call for a self-reliant India based on the five pillars, i.e., Economy, Infrastructure, System, Demography & Demand and announced a special economic package for Self-Reliant India named ‘Atamnirbhar Bharat’.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए बनाया गया 52,000 करोड़ रुपए का बजट
आयात पर प्रतिबंध (एम्बार्गो) को 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है। हमारा उद्देश्य भारतीय रक्षा उद्योग को सशस्त्र बलों (Armed forces) की आवश्यकताओं के बारे में बताना है ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो जाएं। इस दिशा में सभी आवश्यक कदमों को सुनिश्चित करने के लिए निगेटिव इंपोर्ट सूची के अनुसार उपकरणों की समय-सीमा पूरी की जाएगी, जिसके लिए रक्षा सेवाओं द्वारा उद्योग को संचालित के लिए एक समन्वित तंत्र शामिल होगा।
This decision will offer a great opportunity to the Indian defence industry to manufacture the items in the negative list by using their own design and development capabilities or adopting the technologies designed & developed by DRDO to meet the requirements of the Armed Forces.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
आयात के लिए इस तरह के अन्य उपकरणों को सभी हितधारकों के परामर्श से डीएमए द्वारा पहचाना जाएगा। इसका एक यथोचित नोट भी डीएपी में बनाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची की कोई भी वस्तु भविष्य में आयात के लिए संसाधित (प्रोसिड) ना हो। रक्षा मंत्रालय ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार (Domestic and international market) से हथियारों को खरीदने के लिए बनाए गए 2020-21 के बजट में भी परिवर्तन किया है। चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपए के साथ एक अलग बजट बनाया गया है।
The list also includes, wheeled Armoured Fighting Vehicles (AFVs) with indicative import embargo date of December 2021, of which the Army is expected to contract almost 200 at an approximate cost of over Rs 5,000 crore. #AtmanirbharBharat
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020