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दिल्ली हाईकोर्ट का अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से इंकार,खारिज की सभी 23 याचिकाएं
अग्निपथ भर्ती योजना (Agneepath Recruitment Scheme) मामले में केंद्र सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट में बड़ी जीत मिली है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को वैध करार देते हुए योजना की वैधता को चुनौती देने वाली सभी 23 याचिकाएं (Dismissed all 23 Petitions) खारिज कर दी हैं। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने अपना फैसला सुनाया। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अग्निपथ योजना पिछले साल 14 जून को हुई थी शुरू
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना का समर्थन किया था। सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पिछले साल 14 जून को शुरू की गई थी। योजना के नियमों के अनुसार, साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के लोग आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा। योजना के तहत, इनमें से 25 प्रतिशत की सेवा नियमित कर दी जाएगी। इस योजना की शुरुआत के बाद इसके खिलाफ कई राज्यों में विरोध शुरू हो गया था। बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। इसी मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट समेत कई हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं। बाद में (Supreme Court) सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में ट्रांसफर करने के आदेश दिए थे।
केंद्र सरकार (Central Government) ने कोर्ट में अपना तर्क देते हुए कहा था कि अग्निपथ स्कीम डिफेंस रिक्रूटमेंट (Defense Recruitment) में सबसे बड़े नीतिगत बदलावों में से एक है। सेना में भर्ती प्रक्रिया (Recruitment Process in Army) में ये बड़ा बदलाव होगा।