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क्रोशिये से बनाए हैंडीक्राफ्ट ने बदल दी पूजा शाही की किस्मत, अमेरिका और जर्मनी में भी होती है डिमांड
उत्तर प्रदेश के देवरिया (Deoria) जिले के सुरौली गांव की रहने वाली पूजा शाही (Pooja Shahi) ने वो कमाल कर दिखाया जिसकी सब वाहवाही कर रहे हैं। उसने देवरिया पूजा के लिए हैंडीक्राफ्ट बनाए। ये हैंडीक्राफ्ट इतने लोकप्रिय हुए कि अब इनकी मांग अमेरिका और जर्मनी में हो रही है। उसने बताया कि उसने वर्ष 2009 में इसकी शुरुआत की थी। तब उसे इतना विश्वास नहीं था कि वह इतनी दूर चल सकेगी। उसने यह काम गांव की कुछ महिलाओं के साथ मिलकर शुरू किया और जिस क्रोशिया को दादी-नानी का आर्ट कहा जाता है वह विदेशों में मशहूर हो गया। आइए आज आपको पूजा शाही की कहानी बताते हैं। पूजा का घर देवरिया में है। वह घर से दो किलोमीटर (2 Kilometer) दूर रामनाथ देवरिया (Ramnath Deoria) में पूजा शाही कंपनी चलाती है। इसमें महिलाएं क्रोशिया (Croatia) की मदद से कई तरह के डिजाइन में प्राडक्ट तैयार करती हैं। पूजा शाही ने गांव के स्कूल में प्राइमरी तक पढ़ाई की। उसके बाद उसने इंटर तक पढ़ाई की। उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता था।
वह बचपन से ही अपनी मां को कई तरह की चीजें बनाते हुए देखती आ रही थी। इसी से वह धीरे-धीरे प्रेरित होती चली गई। इसलिए उसने इसी का कारोबार करने का ठान लिया। मगर यह इतना आसान नहीं था। गांवों में ऐसा माहौल है कि लड़कियां जब मैट्रिक इंटर तक पढ़ाई कर लेती हैं तो माता-पिता (Parents) उन्हें सिलाई-कढ़ाई सीखने के लिए जोर डालते हैं। ये लड़कियां भी जो हुनर उनकी मां-दादी को आता है उसे ही सीख लेती हैं। लेकिन पूजा शाही कुछ डेकोरेटिव आइटमें बनाना चाहती थी। उसने एक छोटा सा सर्वे किया। इसमें पाया कि शहर की महिलाएं इतना सुसाइड (Suicide) नहीं करती जितनी गांव की महिलाएं करती हैं। उनकी मानसिक स्थिति सही नहीं होती वह सुबह से ही काम में जुट जाती हैं। उन्हें खाना बनाने से लेकर हर काम करना पड़ता है।
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उन्हें अपने लिए जरा भी समय नहीं मिल पाता है। तभी पूजा के मन में ख्याल आया कि इन महिलाओं को साथ लेकर रोजगार शुरू किया जाए। इससे वे बिजी भी हो जाएंगी और इनका जीवन भी बदल जाएगा। ये महिलाएं आत्मनिर्भर भी हो जाएंगी। वह इस बात पर मंथन करने लगी कि महिलाएं किस प्रकार पैसे कमा सकती हैं। वह इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में भी गई। वह वहां हैंडीक्राफ्ट (Handicraft) को देखकर ऑर्डर (Order) ले लेती है। इससे जो पैसे मिलते हैं उन्हें आपस में बांट लेती हैं। उन्होंने क्रोशिया से बने सॉफ्ट टॉयज, एक्सेसरीज, ज्वेलरी, होम डेकोरेटिव आइटम्स (Soft Toys, Accessories, Jewellery, Home Decorative Items) आदि बनाने शुरू किए। बच्चों का पालनाए झूला से लेकर सोफा कवर, टीवी कवर (Sofa Cover, TV Cover) आदि पहले से बना रही थी। धीरे-धीरे हमारे प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ने लगी। मिरर वॉल हैंगरए फोटो फ्रेमए कर्टेनए मैट कवरए बॉटल होल्डरए पर्स की मांग बढ़ गई। इसके बाद सन 2014 में उसकी मदद की जागृति यात्रा नाम की एक संस्था ने की। इससे उसने मार्केटिंग (Marketing) के हुनर सीख लिए। इसके बाद उसने देवरिया में डिजाइन नामक कंपनी शुरू कर दी। बाद में यह अर्जन क्राफ्ट्स हो गया।
आज मेरी कंपनी 100 से अधिक डेकोरेटिव आइटम्स और क्रोशिया प्रोडक्ट बनाती है। 50 से अधिक ज्वेलरी और एक्सेसरीज (More Jewelry & Accessories) तैयार करती है। अमेरिका और जर्मनी में ये प्रोडक्ट्स पहुंचाए जा रहे हैं। कई दूसरे देशों से भी इन प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी मांगी जाती है। वहीं वह अब तक 35 हजार महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी है। उसने उन्हें कोरोनाकाल के दौरान ट्रेनिंग दी। उसकी कंपनी में 200 महिलाओं को सीधा रोजगार मिला है। कई विदेशी कंपनियों ने ऑर्डर के लिए संपर्क किया है। इन्हीं में से एक वॉलमार्ट है। मार्च 2023 तक वॉल मार्ट से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। 3 लाख पंपकिन बनाने के लिए 10 हजार महिलाएं काम करेंगी। उसने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि तीन सालों में स्थायी रूप से कंपनी में 10 हजार महिलाएं काम करें। देवरिया डिजाइन को वन डिस्ट्रिक्ट चुना गया।
इसके उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ योगी ने उसे अवार्ड भी दिया। सीएम ने उसके काम की बहुत प्रशंसा की। उसने बताया कि जब वह हैंडीक्राफ्ट के लिए बाहर जाती है तो लोग तरह-तरह की बातें करते थे। जब जागृति यात्रा के जरिए कौशल विकास के लिए मुंबई गई, तब लोगों ने कहा कि पूजा शाही कहीं चली गई। तब लोगों की ओर से उसके पिता को भी बहुत कुछ सुनना पड़ा था। मगर उसने पिता से कहा कि पिता जी मुझ पर भरोसा रखिए। मैं उनके भरोसे पर खरी उतरी। इस कारण जो लोग पहले मुझे गलत निगाहों से देखते थे अब गर्व महसूस करते हैं। सन 2019 में पूजा शाही की शादी हो गई। उसकी सास भी उसकी कंपनी में पार्टनर बन गई। उसकी सास दोस्तों की तरह उसके साथ व्यवहार करती है। उसका पति कंप्यूटर इंजीनियर है। उसके पति ने सदैव उसका सहयोग किया है। अब उसने गांव की महिलाओं की जिंदगी बदल दी है।?
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