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गुरुवार को करेंगे ये काम तो देवगुरु बृहस्पति होंगे प्रसन्न, जीवन में आएगी खुशियां
देवगुरु बृहस्पति गौरवपूर्ण व्यक्तित्व, न्याय, धर्म एवं नीति के प्रतीक हैं। कहा जाता है कि यदि कुंडली में गुरु बृहस्पति अगर मजबूत स्थिति में हों, तो तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं। वहीं गुरु के कमजोर होने पर व्यक्ति की शिक्षा पर असर पड़ता है। बृहस्पति देव की पूजा गुरूवार को करने का विधान है। बृहस्पति देव को मांगलिक कार्यों का देवता माना जाता है। शादीशुदा जीवन में खुशियां को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के लिए बृहस्पति देव की पूजा सर्वोत्तम माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में भी बृहस्पति ग्रह वैवाहिक जीवन के लिए शुभ माने गए हैं। ज्योतिष के अनुसार जब कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं रहने पर वैवाहिक जीवन में हमेशा परेशानियां बनी ही रहती है। यदि आपको गुरु की कृपा चाहिए तो बृहस्पतिवार के दिन कुछ काम करने से परहेज करना चाहिए।
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गुरुवार के दिन विष्णु भगवान और लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी संपन्नता के प्रतीक हैं। संभव हो तो बृहस्पतिवार की व्रत कथा भी पढ़ें। इससे दांपत्य जीवन सुखमय होता है और सुख समृद्धि बनी रहती है.
गाय को आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी डालकर खिलाएं। स्नान के दौरान पानी में एक चुटकी हल्दी डालें।
गुरुवार के दिन किसी निर्धन को चने की दाल, केला, पीले वस्त्र आदि क्षमतानुसार दान करें।
जो काम गुरुवार के दिन शुरू किए जाते हैं उनकी जीवन में पुनरावृत्ति होती है। इसलिए कोई भी ऐसा शुभ काम जिसकी आप बार बार पुनरावृत्ति चाहते हों, उसे गुरुवार के दिन से शुरू करें। शिक्षा से जुड़े कार्यों के लिए भी गुरुवार का दिन काफी अच्छा माना जाता है।
गुरूवार के दिन विष्णु सहस्रनाम का कम से कम 11 बार पाठ करना चाहिए। ऐस करने पर बृहस्पति मजबूत होता है। गुरूवार के दिन तामसी भोजन करने से बचना चाहिए।
गुरुवार को बाल धोने, बाल कटवाने, शेविंग करने और नाखून काटने की शास्त्रों में मनाही है। ऐसा करने से धन संबंधी परेशानियां बढ़ती हैं और उन्नति बाधित होती है। गुरुवार के दिन धोबी के पास कपड़े धुलने के लिए या प्रेस के लिए न दें। ना ही घर पर उन कपड़ों को धोएं, जिन्हें कभी कभार धोया जाता है। हालांकि आप रोजाना में पहने जाने वाले वस्त्र धो सकते हैं।