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पूर्व सीएम ने बीजेपी हाईकमान को किया कटघरे में खड़ा , धामी को हां, धूमल को ना क्यों
हमीरपुर। हार के बावजूद धामी को उत्तराखंड का सीएम (Uttarakhand CM) बनाने के बाद से हिमाचल में सियासी भूचाल आ गया था। धूमल के समर्थित कार्यकर्ताओं और नेताओं में आक्रोश देखा जा सकता है। अब पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल (Former CM Prem Kumar Dhumal) ने इस छोटी सी चिंगारी को थोड़ी सी हवा दे दी है। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल से पूछे एक सवाल में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अगर बीजेपी (BJP) के घोषित सीएम प्रत्याशी के हार के कारणों की जांच हो सकती है तो मेरी हार के कारणों की भी जांच होनी चाहिए। हार के बावजूद उत्तराखंड में धामी को सीएम पद के लिए हां और हिमाचल (Himachal) में धूमल को न के बीजेपी हाईकमान के दोहरे मापदंड को भी धूमल ने सवालों में ला दिया है।
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सभी फैसले हाईकमान के, कार्यकर्ता कुछ नहीं कर सकते
साल 2017 में सुजानपुर (Sujanpur) में हुए बड़े सियासी उलटफेर की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। हिमाचल में चुनावी साल है और पिछले चुनावों बीजेपी के सीएम चेहरा रहे धूमल के हार के कारणों पर चर्चा छिड़ गई है। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की विधानसभा चुनावों में हार के कारणों के जांच की चर्चा सामने आने के बाद हिमाचल में भी इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। खुद पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने इसको लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। धूमल ने कहा है कि पार्टी को यदि लगता है कि जांच होनी चाहिए तो यह जरूरी है। यदि उत्तराखंड में जांच हो सकती है तो हिमाचल में भी जांच हो सकती है। अगर वहां के हार के कारण पता लग सकते हैं तो फिर यहां भी कारण पता चल सकते हैं। धूमल ने कहा कि यह सभी निर्णय हाईकमान के करने के होते हैं, कार्यकर्ता इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। सीधे शब्दों में ना सही, लेकिन इशारों इशारों में धूमल ने इसे हाईकमान (High Command) का दायित्व करार देते हुए अलग-अलग निर्णय की केंद्रीय नेतृत्व की परिपाटी को सवालों में जरूर ला दिया है।
धूमल बोले, मैं एक कार्यकर्ता
उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को हार के बावजूद सीएम बनाए जाने के सवाल पर धूमल ने कहा कि यह विषय ही केंद्र का है। वह एक कार्यकर्ता (Worker) हैं और पार्टी के निर्देशों के मुताबिक उन्होंने कार्य किया है। केंद्र के करने का जो कार्य है वह बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा और जो उनके कने का कार्य है उसे वह पूरा करेंगे। उत्तराखंड और हिमाचल में हार के बावजूद सीएम पद के अलगण्अलग फैसले के सवाल पर धूमल ने कहा कि किस विषय का उत्तर उनके पास नहीं है इस सवाल का जवाब केंद्र ही दे सकता है।