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घात लगाकर शिकार करता है चीता, भोजन की रक्षा करने में माहिर होते हैं तेंदुए
भारत में करीब 70 साल बाद साउथ अफ्रीका के नामीबिया से 8 विदेशी चीते (Cheetah) ला गए हैं। इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है। हर तरफ अभी चीतों की बात चल रही हैं। वहीं, कुछ लोग इस बात को लेकर काफी कंफ्यूज भी हैं कि आखिर चीते और तेंदुए (Leopard) में अंतर क्या है। देखने में दोनों एक जैसे लगते हैं।
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बता दें कि तेंदुए के कंधे चीते की तुलना में छोटे होते हैं। चीते का वजन औसतन 72 किलोग्राम होता है और ये अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे के हिसाब से दौड़ सकता है। जबकि, बड़ी बिल्लियों में सबसे छोटे तेंदुए होते हैं। चीतों की तुलना में ये ज्यादा भारी होते हैं। इनका वजन 100 किलोग्राम तक होता है। तेंदुए की तुलना में चीते कम मांसल बिल्लियां (Muscular Cats) होते हैं। चीते शिकार पर घात लगाकर उसको पकड़ने में पूरी ताकत का इस्तेमाल करते हैं। जबकि, तेंदुए अपने भोजन की रक्षा के लिए शिकार को मारने के बाद पेड़ पर ले जाते हैं।
इसके अलावा चीते और तेंदुए की खाल में भी फर्क होता है। चीते की खाल हल्के पीले और ऑफ व्हाइट कलर की होती है। जबकि, तेंदुए की खाल पीले रंग की होती है। चीते की खाल पर गोल या अंडाकार काले धब्बे होते हैं और तेंदुए की खाल पर धब्बों का आकार फिक्स नहीं होता है। इतना ही नहीं दोनों के पंजों में भी अंतर होता है। चीते के पंजे स्पीड से दौड़ने के हिसाब से होते हैं। उसके पिछले पैर आगे की तुलना में बड़े और मजबूत होते हैं, जिससे वे तेजी से दौड़ सकते हैं। जबकि, तेंदुए के आगे के पैर पीछे के मुकाबले बड़े होते हैं। शिकार को पंजा मारते समय भी उनके बड़े पैर काम आते हैं। अपने इन्हीं बड़े पैरों के कारण ही वो शिकार को खींचकर आसानी से पेड़ पर ले जाते हैं।
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