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अटल टनल के आसपास गंदगीः हाईकोर्ट ने दिए सरकार को अपना पक्ष रखने के आदेश
शिमला। अटल टनल के आसपास कूड़ा कर्कट फैलाने से जुड़े मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के आदेश जारी किए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं वह पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार से अटल टनल क्षेत्र से कूड़े को हटाने बाबत मुहिम चलाने, कूड़ा कर्कट फैलाने वाले लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाने के प्रावधानों की जानकारी व पिछले 1 साल में इकट्ठे किए गए जुर्माने की राशि का ब्यौरा,डस्टबिन स्थापित करने, पुरुषों और महिलाओं के लिए शौचालय स्थापित करने व क्षेत्र को साफ करने के लिए मॉनिटरिंग करने प्राबधानों की जानकारी मांगी थी। कोर्टमित्र अधिवक्ता विनोद ठाकुर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि लोगों का लापरवाहपूर्ण, गैर जिम्मेदाराना रवैया, एक बारी कोई एक जगह पर कूड़ा फेंकता है तो दूसरे लोग भी यह सोचकर वहां कूड़ा फेंक देंगे कि उन्हें उस जगह पर कूड़ा फेंकने का लाइसेंस मिल गया है, डस्टबिन व ट्रैशबिन का अभाव भी इसका मुख्य कारण है।
और लोगों को तैनात करने की आवश्यकता
कोर्ट मित्र ने कोर्ट को यह सुझाव दिया कि इस समस्या के निदान के लिए और लोगों को तैनात करने की आवश्यकता है । जोकि क्षेत्र को साफ रखने में सहयोग करें व जुर्माने की राशि को इकट्ठा करें। सफाई रखने व कूड़ा हटाने के लिए काम ठेके पर देने के लिए निविदा आमंत्रित करने की आवश्यकता है। कूड़ा फैलाने से पर्यावरण को कितनी क्षति होगी इस बाबत जागरूकता फैलाना, केवल उन्हीं लोगों को उस क्षेत्र में व्यवसाय करने के लिए स्वीकृति देना जिन्हें सक्षम अधिकारी द्वारा अधिकृत किया गया है। सीसीटीवी कैमरे लगाना, पब्लिक यूटिलिटी सर्विसेज मुहैया करवाना, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लोगों को शिक्षित करना व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करना। वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाना व स्थानीय व्यवसायियों को यह एहसास दिलाना कि कूड़ा फैलाना केवल पर्यावरण के लिए नुकसानदायक ही नहीं बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी चेतावनी है जोकि उनके आजीविका से जुड़ा हुआ प्रश्न है । कोर्ट ने कहा कि सभी आने जाने वाले वाहनों की जांच की जाए अगर किसी वाहन में भरी प्लास्टिक की बोतल इत्यादि जैसी सामग्री मिले तो उन्हें जब्त किया जाए और उन लोगों से 50 रुपए के हिसाब से सिक्योरिटी ली जाएं। खाली बोतल देने के पश्चात उन्हें 50 रुपए वापस कर दिए जाएं। मामले पर सुनवाई 31 मई 2023 को निर्धारित की गई है
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