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शिमला। अपने बेटे के अंगों से दूसरों को जिंदगी देने वाले डॉक्टर दंपति (Doctor Couple) ने अब जागरूकता मुहिम चलाने का फैसला लिया है। यह जागरूकता मुहिम से समाज के लिए प्रेरणा बने डॉक्टर दंपति अब अंगदान (Organ Donation) के लिए दूसरों को प्रेरित करेंगे। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. पुनीत महाजन (Dr. Puneet Mahajan) और फिजीयोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवानी महाजन ने ठीक 5 वर्ष पूर्व 16 जनवरी 2017 को अपने 13 वर्षीय पुत्र शाश्वत के ब्रेन डेड होने पर उसके सभी अंग पीजीआई (PGI) चंडीगढ़ में दान कर दिए थे। डॉक्टर महाजन दंपत्ति के इस कदम ने समाज को बहुत बड़ा संदेश दिया था। राज्य सरकार ने डॉ. पुनीत महाजन को स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइज़ेशन (सोटो) का नोडल अधिकारी बनाया है। इसके माध्यम से समाज को जागरूक और प्रेरित किया जाएगा।
हिमाचल में अंगदान के बारे में जागरूकता के लिए उमंग फाउंडेशन (Umang Foundation) उनके साथ सहयोग करेगा। फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मानवाधिकार जागरूकता पर गूगल मीट पर हर रविवार को विशेषज्ञों के माध्यम से मुहिम चला रहे उमंग फाउंडेशन के कार्यक्रम में 16 जनवरी को डॉ. पुनीत महाजन विशेषज्ञ वक्ता होंगे। वे मरीजों की जीवन रक्षा हेतु अंगदान का अधिकार विषय पर व्याख्यान देंगे और प्रतिभागी उनसे प्रश्न भी पूछ सकेंगे। कार्यक्रम में लिंक- http://meet.google.com/fnr-ihgg-rpj के माध्यम से शाम 7:00 बजे जुड़ा जा सकता है।
जिला के सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज (Nursing College) की 55 छात्राओं ने अंगदान का संकल्प लिया है। शुक्रवार को स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) हिमाचल प्रदेश की ओर से अंगदान के विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर बीएससी नर्सिंग द्वितीय वर्ष की 55 छात्राओं ने अंगदान करने की शपथ ली। कार्यक्रम में आई बैंक के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. यशपाल रांटा ने नर्सिंग की छात्राओं को ऑर्गन डोनेशन के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि साल 1954 में देश में पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया था। अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता है।
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