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अलर्ट हो जाएं! दो दिन के लिए अंधेरे में डूब जाएगा पूरा देश, यह है सबसे बड़ी वजह
Last Updated on March 24, 2022 by sintu kumar
नई दिल्ली। अलर्ट हो जाएं। पूरा देश दो दिन के लिए अंधेरे में डूबने वाला है। केंद्र सरकार (Central government) की निजीकरण की नीतियों के विरोध में देशभर के बिजली कर्मचारी (Electricity Employees) 28 और 29 मार्च को हड़ताल करने का फैसला लिया है। इस देशव्यापी हड़ताल का फैसला बुधवार को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में लिया गया है, इसलिए बताया जा रहा है कि इन दो दिनों में देश भर में बिजली (Electricity) की समस्या आ सकती है। बिजली कर्मचारियों के साथ-साथ देशभर के श्रम संगठनों के कर्मचारी भी दो दिन की हड़ताल (Strike) पर रहेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट शैलेंद्र दूबे ने बताया कि सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी भी केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति के विरोध में हड़ताल में शामिल होंग।
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जानिए क्या है मुख्य मांगें
शैलेंद्र दूबे ने बताया कि केंद्र की निजीकरण की नीतियों से कर्मचारियों (Employees) में निराशा है। बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की मुख्य मांगें हैं कि बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 को वापस लिया जाए और सभी प्रकार की निजीकरण प्रक्रिया को बंद की जाए। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों खासकर मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ (Chandigarh), दादरा नगर हवेली दमन दिउ तथा पुडुचेरी में बिजली के निजीकरण करने के निर्णय को तुरंत रद्द करे। बिजली बोर्डों के विघटन के बाद नियुक्त किए गए सभी बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ दिया जाए।
बैंक कर्मचारी भी रहेंगे हड़ताल पर
दूसरी तरफ निजीकरण के विरोध में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के कर्मचारी 28 और 29 मार्च की हड़ताल में शामिल होंगे। इसके अलावा विभिन्न बैंकों के कर्मचारी संगठनों ने 28 और 29 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। इससे बैंक सेवाओं पर असर पड़ सकता है। एसबीआई ने ग्राहकों को और शेयर बाजार के निवेशकों को इसके लिए अलर्ट भी किया है। हड़ताल का आह्वान सरकारी बैंकों के निजीकरण और बैंक कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में किया गया है।