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ऊर्जा मंत्री का ऐलान, चाहे जितना विरोध कर लें लोग; रद्द नहीं होगा जंगी-थोपन प्रोजेक्ट
शिमला। हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Chaudhary ) ने आज सदन में ऐलान किया है कि लोग चाहें जितना विरोध कर लें, लेकिन किन्नौर जिला में प्रस्तावित जंगी-थोपन प्रोजेक्ट (Jangi Thopan Project) रद्द नहीं होगा। वह आज किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा उठाए सवाल का जवाब दे रहे थे। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि शुरूआत से यह परियोजना विवादों में रही है जिसके बाद सरकार ने एसजेवीएन को यह प्रोजेक्ट देने पर करार किया। मगर इसका विवाद अभी भी थम नहीं रहा है, क्योंकि स्थानीय पंचायत इसका अब भी विरोध (Protest) कर रही है। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि लोगों से बातचीत की जाएगी और मामले को हल करेंगे। सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रोजेक्टों का विरोध पूरे प्रदेश में हो रहा है। कुछ लोग व संस्थाएं विरोध के लिए सामने रहती हैं जिनका यही काम है। मगर इससे विकास प्रभावित होता है। उन्होंने सदन में एलान किया कि स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद 780 मेगावाट क्षमता की जंगी-थोपन पन बिजली परियोजना को रद्द नहीं किया जाएगा।
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प्रश्नकाल के दौरान जवाब में उन्होंने कहा कि इस परियोजना को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए इसका विरोध कर रहे स्थानीय लोगों से बातचीत की जाएगी और उनकी आपत्तियों और शंकाओं को दूर किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के लिए 25 सितंबर 2019 को एसजेवीएन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे और अब इस परियोजना की डीपीआर (DPR) तैयार की जा रही है। स्थानीय प्रतिनिधियों ने जंगी-थोपन-पोवारी परियोजना को रद्द करने की सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में जहां-जहां भी हाईड्रो प्रोजेक्ट बनने हैं या फिर बन रहे हैं, उनके विरोध का ट्रेंड चल पड़ा है। चौधरी ने कहा कि एडीएम किन्नौर (ADM Kinnaur) की अध्यक्षता में जंगी.थोपन परियोजना को लेकर एक कमेटी भी बनाई है और वह हर गांव में लोगों से बात करेगी। उन्होंने कहा कि वे सीएम जयराम से भी आग्रह करेंगे कि वह परियोजना का विरोध करने वालों से बात करें और उनकी जो शंका है उसका निराकरण किया जाए।
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विधायक जवाहर ठाकुर और सुरेंद्र शौरी के एक अन्य सवाल पर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि लारजी पनबिजली परियोजना लाडा का गठन होने से पहले चालू हो गई थी। इसलिए इस परियोजना के क्षेत्र में लाडा से कोई राशि खर्च नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना मंडी के द्रंग और कुल्लू के बंजार विधानसभा हलके में स्थापित है। उन्होंने कहा कि लाडा को दिसंबर 2009 में अपनाया गयाए जबकि लारजी पन बिजली परियोजना 25 सितंबर 2009 को चालू हो गई थी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को लेकर भूमि का मुआवजा सभी को दे दिया गया है और जहां तक देवता के स्नानाघाट की बात है, उसका निर्माण करवाया जाएगा।
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