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नई दिल्ली। आप किसी प्राइवेट कंपनी (Private Company) में काम करते हैं और आपका ईपीएफ (EPF) कटता है तो यह पैसा आपके बुढ़ापे में आर्थिक सहारा बनेगा। वो कैसे तो आइए हम आपको इसके बारे में समझाते हैं। किसी कंपनी में नौकरी (Job) करते समय आपकी सैलरी का कुछ अंश ईपीएफ में कटता है और कंपनी भी उतना ही हिस्सा ईपीएफ में डालती है। इस शाशि पर ब्याज भी लगता हैं और जब आप रिटायर (Retire) होते हैं तो यह पैसा आपको बिना किसी टैक्स (TAX) के वापस मिल जाता है। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि रिटायरमेंट तक ये पैसा कितना हो जाएगा, तो आपको बताते चलें कि ये आप आसानी से पता कर सकते हैं। इसकी मदद से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि रिटायरमेंट (Retirement) के बाद आपकी जिंदगी कैसी गुजरेगी। आइए बताते हैं इसका तरीका।
अगर आपको लगता है कि आपका पैसा रिटायरमेंट की जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं होगा तो आप चाहें तो ईपीएफ फंड (EPF Fund) में अपना कंट्रीब्यूशन बढ़ा भी सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको अपनी कंपनी के एचआर से बात करनी होगी। आप चाहें तो अपने कंट्रीब्यूशन को डबल भी कर सकते हैं। यह वीपीएफ वॉलेंट्री प्रोविडेंट फंड के जरिए होगा। इससे आपको यह फायदा होगा कि आपका फंड भी दोगुना हो जाएगा।
आपको हर माह सैलरी स्लिप मिलती होगी। आप अपनी सैलरी स्लिप (Salary Slip) में देख सकते हैं कि आपकी बेसिक सैलरी और डीए कितना है। हर कर्मचारी की बेसिक सैलरी डीए का 12 फीसदी ईपीएफ अकाउंट में जाता है। इसके अलावा कंपनी भी बेसिक सैलरी डीए का 12 फीसदी कंट्रीब्यूट करती है। दोनों फंड को मिलाकर जो पैसा इकट्ठा होता है, उस पर ब्याज मिलता है। ब्याज की समीक्षा हर साल होती है, लेकिन इसका फायदा यह है कि कंपाउंडिंग ब्याज होने से ब्याज में भी डबल फायदा होता है।
पीएफ मेंबर की उम्र-25 साल
रिटायरमेंट की उम्र-58 साल
बेसिक सैलरी- 10,000 रुपए
इंटरेस्ट रेट-8.50 फीसदी
सैलरी में सालाना इजाफा-10 फीसदी
कुल फंड- 1.30 करोड़ रुपए
पीएफ मेंबर की उम्र-25 साल
रिटायरमेंट की उम्र-58 साल
बेसिक सैलरी-15000 रुपए
इंटरेस्ट रेट-8.50 फीसदी
सैलरी में सालाना इजाफा-10%
कुल फंड- 1.94 करोड़ रुपए
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