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बाहरा विवि में फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम, इंटरनेट पर फेक कंटन्ट बारे दी जानकारी
शिमला। बाहरा विश्वविद्यालय (Bahra University) में सोमवार को फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें बाहरा विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षकों ने भाग लिया। इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को जागरूक करना था। ताकि वह अपने शोध के कार्यों को सुचारू रूप से कर सकें। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉक्टर सुमित नरूला रहे। डॉ सुमित नरूला एमिटी विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश में निदेशक मास कम्युनिकेशन विभाग (Director Mass Communication Department) के रूप में कार्यरत है। डॉ सुमित नरूला देश के एक प्रसिद्ध एडिटर लेखक और शिक्षाविद भी हैं। डॉक्टर नरूला भारत के एक ऐसे शख्स हैं जोकि इंटरनेट (Internet) पर फेक न्यूज़ (Fake News) और इन लेजिटीमेट प्रॉपर्टीज के खिलाफ कार्य कर रहे हैं। जिसके तहत वे एक सेंटर भी चला रहे हैं और इंटरनेट पर फेक कांटेट को लेकर लोगों को जानकारियां भी दे रहे हैं। जिसमें सरकार,एडमिनिस्ट्रेशन, शैक्षणिक संस्थान और बहुत सारे लोगों को शिक्षित करते हैं। जिससे कि ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम से बचा जा सकता है।
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डॉ अरुणा ने बताया की कि पोस्ट कोविड-19 (post covid.19_ इंटरनेट जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। जिससे कि सही और गलत का भेद कर पाना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को यह ध्यान रखना चाहिए की कि वह जो भी अनुसंधान का कार्य करें वह लेजिटीमेट हो। साथ ही उन्होंने बताया की इस इंटरनेट के युग में सही और गलत कंटेंट को छांटना और उन में फर्क करना बहुत जरूरी है। जिससे उनके अनुसंधान कार्यों उनके द्वारा प्रकाशित किए गए विभिन्न रिसर्च पेपरों को उचित स्थान और अंक प्राप्त हो। इस अवसर पर बाहरा यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी गौरव बाली ने बताया यूनिवर्सिटी समय.समय पर इस प्रकार के फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम पर बल देती रही है। जिससे न की फैकल्टी अथवा विद्यार्थियों को भी तकनीकी युग में जागरूकता प्रदान हो सके।
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