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Kangra: सरकारी सहायता के इंतजार में आजाद हिंद फौज के सिपाही का परिवार
रविंद्र चौधरी/फतेहपुर। हिमाचल (Himachal) में कल यानी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा, लेकिन जिन लोगों के कारण यह स्वतंत्रता हमें मिली आज उनकी और उनके परिवार की ही अनदेखी हो रही है। ऐसा ही एक मामला जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर (Fatehpur) की पंचायत स्थाना में सामने आया है। यहां आजाद हिंद फौज के सिपाही प्रीतम सिंह का परिवार आज भी सरकारी सुविधाओं से पूरी तरह से महरूम है। जीवित रहते प्रीतम सिंह और उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार को सरकार और प्रशासन की ओर से आज तक कोई सहायता नहीं मिल पाई है। हालांकि इसके लिए स्वर्गीय प्रीतम सिंह के बेटे ने कई बार सरकार और प्रशासन से कई बार पत्राचार के माध्यम से बात की, लेकिन उन्हें वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिले।
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स्थाना पंचायत के स्थाना गांव के स्वर्गीय प्रीतम सिंह के परिजनों अनुसार व मौजूदा कागजातों के अनुसार प्रीतम सिंह आजादी से पूर्व 1941 में भर्ती हुए थे। जिसके बाद वह आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj) में शामिल हो गए। प्रीतम सिंह सन 1946 में घर आ गए और 1955 में उनक मृत्यु हो गई, लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी उनके परिवार को अभी तक कोई भी सहायता नहीं मिल पाई है। स्वर्गीय प्रीतम सिंह के बेटे रूप लाल ने बताया उन्होंने कई बार भारत सरकार व प्रदेश सरकार के साथ-साथ स्थानीय विधानसभा प्रतिनिधियों के साथ पत्राचार किया, लेकिन हर जगह से उन्हें आश्वासन ही मिले।
हालांकि, स्थानीय पंचायत ने भी उनके परिवार को आर्थिक मदद मिले इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate) दे दिया था। बावजूद इसके उन्हें आज तक ना तो भारत सरकार और ना ही प्रदेश सरकार ने उन्हें अभी तक राहत पहुंचाई है। प्रीतम सिंह के बेटे ने बताया कि पत्राचार के दौरान बैंगलूर से सन 1987 में मात्र 300 रुपए की राहत परिवार तक पहुंची थी। 95 वर्षीय हिंद फ़ौज सिपाही की वीरनारी सुमित्रा देवी जो कान से सुन नहीं सकती हैं।आज भी सरकारी सहायता का इंतजार कर रही है। आजाद हिंद फौज के सिपाही के इस परिवार की सहायता का जिम्मा अब सामाजिक संस्थाओं ने उठाया है। उनका कहना है कि इसके लिए उन्हें दिल्ली या शिमला कहीं भी जाना पड़े तो वह इससे पीछे नहीं हटेंगे और आजाद हिंद फौज के सिपाही के परिवार को न्याय दिलवा कर ही दम लेंगे। एसडीएम फतेहपुर बलवान चंद (SDM Fatehpur Balwan Chand) ने कहा कि प्रीतम सिंह के परिवार के पास जो भी साक्ष्य या कागजात हैं, उन्हें प्रदेश सरकार और भारत सरकार तक पहुंचाया जाएगा, ताकि उन्हें उनका हक मिल सके और स्वतंत्रता दिवस जैसे समारोहों पर उनके परिजनों को सम्मानित किया जा सके।