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हरियाणा-पंजाब में #ChakkaJam का दिखा व्यापक असर, टिकैत ने प्रदर्शन स्थल पर की खेती
नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के विरोध में आज देश भर में किसान संगठनों (Farmer Organizations) ने चक्का जाम का ऐलान किया था। इस चक्का जाम (Chakka Jam) में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड राज्य शामिल नहीं थे। किसानों द्वारा स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे (State Highway and National Highway) पर दोपहर 12 से तीन बजे तक चक्का जाम किया गया। पंजाब और हरियाणा में चक्का जाम (Punjab-Haryana Chakka jam) का व्यापक असर देखने को मिला। इन्हीं दोनों राज्यों में कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है। इसके अलावा दिल्ली (Delhi) और दिल्ली की समीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब 50 हजार जवान तैनात किए गए हैं। उधर, गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर धरना दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने आज यूपी गेट पर गन्ने और आलू की बुआई की।
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दरअसल गाजीपुर बॉर्डर पर जिस जगह दिल्ली पुलिस द्वारा कीलें गाड़ी गई थीं वहां पर शुक्रवार को राकेश टिकैत और अन्य प्रदर्शनकारियों ने मिट्टी डाल फूल लगा दिए थे। इसके बाद शनिवार को पुलिस ने इस जगह को फिर से अपने कब्जे में लेकर बैरिकेडिंग कर दी थी, लेकिन दिन में किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर आलू और गन्ने बो दिए। तेलंगाना के हैदराबाद में भी एक सड़क को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया था, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर सड़क खुलवा दी। इसके अलावा हरियाणा और पंजाब में भी चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला। तीन बजे हॉर्न बजाकर चक्का जाम को खत्म किया गया।
पंजाब में कहां-कहां हुआ चक्का जाम
किसान संगठनों के चक्का जाम के ऐलान का पंजाब में भी काफी ज्यादा असर देखने को मिला। काफी संख्या में जगह-जगह लोग कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे सड़कें जाम कीं। हाालंकि इस दौरान पुलिस, एमर्जेंसी गाड़ियों और एंबुलेंस को जाने की जाने की जगह दी गई। किसान प्रदर्शनकारियों ने मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर दो जगह चक्का जाम किया। चक्का जाम के दौरान उन्हीं लोगों की गाड़ियों को एयरपोर्ट तक जाने दिया गया, जिनके पास फ्लाइट टिकट थीं। इसके अलावा बठिंडा में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के बैनर तले पंजाब को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाले सभी हाईवे पर चक्का जाम किया गया। मोहाली में किसानों ने इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के सामने ट्रैफिक लाइट्स पर चक्का जाम किया। यहां प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम के दौरान सड़क पर ट्रैक्टर लगा दिए और कुछ किसान सड़क के बीच बैठ गए।
मोहाली के गुरुद्वारा सिंह शहीदां चौक पर भी प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम किया। इसके अलावा सुनाम में बठिंडा पटियाला मुख्य मार्ग, लुधियाना में किसान लाडोवाल टोल प्लाजा, लुधियानाज-फिरोजपुर रोड, मोगा के बघापुराना के पास टोल प्लाजा में भी चक्का जाम किया गया। मंडी गोबिंदगढ़ में इंडियन नेशनल ट्रेड कांग्रेस ने कृषि कानून के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला भी जलाया और बस स्टैंड पर नारेबाजी की।
हरियाणा में कहां-कहां हुआ चक्का जाम
कृषि कानूनों के विरोध में चक्का जाम के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी सड़कों पर उतरीं। हिसार के सुरेवाला मोड़ पर पूनम देवी ट्रैक्टर चलाकर पहुंची और चक्का जाम की शुरुआत की। इसके साथ ही सिरसा के डबवाली में गोल चौक पर चक्का जाम किया गया। यह चौक हरियाणा और पंजाब को जोड़ता है। सोनीपत में भी किसानों ने केएमपी एक्सप्रेसवे पर चक्का जाम किया। हरियाणा में भी चक्का जाम के दौरान एमर्जेंसी गाड़ियों, एंबुलेंस, स्कूल बसों और पुलिस की गाड़ियों को नहीं रोका गया। हिसार के बाडोपट्टी टोल पर चक्का जाम के लिए महिलाएं गीत गाते हुए पहुंची।
जींद में रोडवेज ने चक्का जाम के कारण तीन घंटों के लिए बस सर्विस ही बंद दी। बताया गया यात्रियों और बसों की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा कदम उठाया गया। इसके अलावा यहां पर जो बसें पहले से ही ऑन रोड थी, उनके चालकों भी निर्देश दिए गए थे कि चक्का जाम से पहले ही बसों को किसी भी निकटवर्ती डिपो या पुलिस स्टेशन के बाहर खड़ा कर दें। इसके साथ ही तीन बजे के बाद चक्का खुलने पर ही बसें फिर से चलाने के निर्देश दिए गए थे।