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फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का 91 वर्ष की उम्र में कोरोना से निधन, हिमाचल से भी था नाता
फ्लाइंग सिख’ के नाम से मशहूर भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कल देर रात निधन( Milkha Singh Passed Away) हो गया। वे 91 साल के थे। 5 दिन पहले उनकी पत्नी निर्मल कौर का निधन हो गया था। कोरोना संक्रमित से जूझ रहे मिल्खा सिंह का चंडीगढ़ के PGIMER में 15 दिनों से इलाज चल रहा था। उन्हें 3 जून को ऑक्सीजन लेवल गिरने के कारण ICU में भर्ती कराया गया था।मिल्खा सिंह ने निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताया है ।
The passing of sporting icon Milkha Singh fills my heart with grief. The story of his struggles and strength of character will continue to inspire generations of Indians. My deepest condolences to his family members, and countless admirers.
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 18, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने लिका है पीएम ने ने कहा कि हमने एक शानदार खिलाड़ी खो दिया। मिल्खा ने असंख्य भारतीयों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। मिल्खा के व्यक्तित्व ने उन्हें लाखों लोगों का चहेता बना दिया। उनके निधन से दुखी हूं।
In the passing away of Shri Milkha Singh Ji, we have lost a colossal sportsperson, who captured the nation’s imagination and had a special place in the hearts of countless Indians. His inspiring personality endeared himself to millions. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/h99RNbXI28
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी 20 मई को कोरोना संक्रमित ( corona infected) पाए गए थे। 24 मई को दोनों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 30 मई को परिवार के लोगों के आग्रह पर उनकी वहां से छुट्टी करवा ली गई थी और कुछ दिनों पहले ही वे घर लौटे थे। तब से उनका घर पर ही इलाज चल रहा था। इसके कुछ दिन बाद उनकी तबीयत फिर खराब हुई और ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा था। 3 जून को उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। वहीं, निर्मल कौर का इलाज मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था।
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा (जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है) के एक सिख परिवार में मिल्खा सिंह का जन्म हुआ था। खेल और देश से बहुत लगाव था, इस वजह से विभाजन के बाद भारत भाग आए और भारतीय सेना में शामिल हो गए। कुछ वक्त सेना में रहे लेकिन खेल की तरफ झुकाव होने की वजह से उन्होंने क्रॉस कंट्री दौड़ में हिस्सा लिया। इसमें 400 से ज्यादा सैनिकों ने दौड़ लगाई। मिल्खा 6वें नंबर पर आए। 1956 में मेलबर्न में आयोजित ओलिंपिक खेल में भाग लिया। कुछ खास नहीं कर पाए, लेकिन आगे की स्पर्धाओं के रास्ते खोल दिए। 1958 में कटक में आयोजित नेशनल गेम्स में 200 और 400 मीटर में कई रिकॉर्ड बनाए। इसी साल टोक्यो में आयोजित एशियाई खेलों में 200 मीटर, 400 मीटर की स्पर्धाओं और राष्ट्रमंडल में 400 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीते। उनकी सफलता को देखते हुए, भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया।
प्रसिद्ध धावक "फ्लाइंग सिख" मिल्खा सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
खेल जगत के लिए यह अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन खिलाड़ी वर्ग के लिए सदैव प्रेरणादायक रहेगा।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें, शोकग्रस्त परिवार तथा समर्थकों को संबल प्रदान करें।
ॐ शांति! pic.twitter.com/wnFdNChMwv
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) June 19, 2021
हिमाचल से भी था मिल्खा सिंह का नाता
हिमाचल प्रदेश के कसौली में मिल्खा सिंह ( Milkha Singh) का बंगला है, जहां वह पत्नी के साथ अकसर आया करते थे। यहां के ऐतिहासिक कसौली क्लब के वह सदस्य भी थे। गर्मियों में खासकर इन दिनों कसौली क्लब में होने वाली कसौली वीक में भाग लेने आते थे। कोरोना के बाद वह यहां नहीं आ पाए। मिल्खा सिंह व उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह दोनों ही कसौली में आम मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते थे। आज दोनों के ही दुनिया से रुख्सत होने से उनका कसौली स्थित उनका घर भी वीरान हो गया है, जहां उनको अक्सर देखा जाता था। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ने उनके निधन पर शोक जताया है।