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Shadi ka Khana : कोरोनाकाल में मेहमानों की घर बैठे हो गई बल्ले बल्ले, देखिए कैसे
शादियों में जितना आकर्षण का केंद्र दूल्हा-दुल्हन होते हैं उतना ही शादी का खाना भी होता है, पर इस कोरोना काल ने बहुत से लोगों के शादी में शिरक्त करने के सपनों पर खूब पानी फेरा है। पर चेन्नई में एक शादी ऐसी हुई, जिसमें किसी भी मेहमान को निराश नहीं होना पड़ा क्योंकि उन्हें शादी का खाना घर पर ही मिल गया, आप भी सोच रहे होंगे की शादी का खाना वो भी घर पर वाह और क्या चाहिए। क्योंकि बहुत से लोग तो शादियों में जाते ही लजीज खाना खाने के लिए हैं।
चेन्नई में हुई इस शादी में मेहमानों के घर पर ही शानदार खाना ड्रिस्ट्रीब्यूट किया गया, 100 या 200 नहीं बल्कि तकरीबन 700 मेहमानों के घर पर ये खाना बढ़िया टिफिन में पैक करके पहुंचाया गया। ऐसा करने वाले परिवार ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए शानदार शादी करवाने के अपने सपने को भी टूटने नहीं दिया। वाह! भाई वाह! आइडिया हो तो ऐसा ,जिससे सबके मन की बात भी हो जाए और सारा काम भी सही ढंग से हो जाए।
शादी वाली फैमिली के इस समझदारी भरे कदम को जमकर सराहा जा रहा है। आप सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी के चलते बहुत सारी शादियां ऑनलाइन भी हुई है।वर-वधू के रिश्तेदारों ने अपने घरों से वर्चुअल ही नए जोड़ों को आशीर्वाद दिया हैं। शादियों में परोसे जाने वाले स्वादिष्ट भोजन तो मानो आजकल लोगों के लिए एक सपने जैसा है।
शादी की खास बात
चेन्नई में हुई इस शादी के लिए वर्चुअल शादी का निमंत्रण दिया गया। मेहमानों से भी अनुरोध किया कि वे विवाह के दिन अपने घरों में दिए जाने वाले कल्याण सप्पडू (शादी के भोजन) को स्वीकार करें। चलिए अब अपको यह भी बता देते हैं कि निमंत्रण कार्ड में क्या लिखा गया था। उसमें लिखा था, “हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कल्याण सप्पडू को स्वीकार करते हुए हम आपके घर 10 दिसंबर को पहुंचेंगे।”
शादी के भोजन में क्या-क्या था शामिल
शादी का खाना मात्र औपचारिकता नहीं बल्कि वैसा ही खाना मेहमानों के घर पहुंचाया गया जैसा शादियों में होता है। इस खाने में मेहमानों को चार रंगीन बैग मिले, जिनमें से प्रत्येक में दो बड़े और दो छोटे टिफिन करियर और केले के पत्ते थे। केले के पत्ते पर प्रत्येक वस्तु को लगाने के निर्देश के साथ बैग के अंदर सांबर, रसम, पुली साधम और खीर सहित कुल 12 व्यंजन थे। अरुसुवाई अरासु कैटरर्स द्वारा पकाए गए भोजन को मेजबान के एक दोस्त श्रीनिवासन सुंदरराजन द्वारा संचालित उनानू टेक्नोलॉजीज नामक एक प्रौद्योगिकी-सक्षम लॉजिस्टिक फर्म की मदद से वितरित किया गया था।