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हिमाचल कांग्रेस की पूर्व प्रभारी रजनी पाटिल राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई
मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी संजय उपाध्याय ने अपना नामांकन सोमवार को वापस ले लिया। इसके साथ ही कांग्रेस राज्यसभा उम्मीदवार रजनी पाटिल के राज्यसभा जाने का रास्ता साफ हो गया है। मामले पर संजय उपाध्याय ने कहा कि नामांकन वापस लेने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस नेता बालासाहब थोरात ने पूर्व सीएम और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से आग्रह किया था।
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बीजेपी ने निभाया अपना वादा
संजय उपाध्याय ने कहा कि ऐसे मामलों में महाराष्ट्र में निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा रही है, इसलिए बीजेपी प्रत्याशी नाम वापस ले लें। उपाध्याय ने बताया कि बीजेपी की कोर कमेटी की मीटिंग में तय हुआ कि मुझे अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी है। इसलिए मैंने पार्टी के आज्ञाकारी कार्यकर्ता के नाते नाम वापस ले लिया है।
बालासाहेब थोरात ने की थी मुलाकात
दरअसल, कांगेस नेता नाना पटोले व बालासाहब थोरात ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में ये परंपरा है कि अगर किसी सदस्य की मौत से सीट खाली होती है तो उस पर चुनाव नहीं होता, बल्कि निर्विरोध चुनाव होता है। ऐसे में बीजेपी को उम्मीदवार नहीं उतारना चाहिए क्योंकि कांग्रेस सांसद राजीव सातव की मौत के कारण यह उपचुनाव हो रहा है। इसके बाद बीजेपी की कोर कमेटी की मीटिंग हुई और 27 सितंबर को नाम वापसी के अंतिम दिन संजय उपाध्याय ने नाम वापस ले लिया।
सातव के निधन से खाली हुई सीट
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राजीव सातव का निधन हो गया था। वे कोरोना से पीड़ित थे। उनके निधन के बाद राज्यसभा की सीट खाली हुई। इसलिए उपचुनाव हो रहा है। वहीं, आंकड़े भी कांग्रेस के पक्ष में दिख रहे थे।