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गुलाम नबी आजाद बोले, राहुल गांधी में नहीं है राजनीतिक कौशल
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस (Congress) पार्टी से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोला है। गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि राहुल गांधी में राजनीतिक कौशल की कमी है। उन्होंने कहा कि सियासत में उनकी एंट्री के बाद ही कांग्रेस की ये स्थिति हुई है।
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गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज के दौर में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का कोई मतलब नहीं रह गया है। अब ये बेकार है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के दौर में सिर्फ कांग्रेस वर्किंग कमेटी होती थी, लेकिन बीते दस साल में इसके 25 सदस्य हो गए हैं और 50 विशेष आमंत्रित सदस्य भी होते हैं।
आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी ने वर्ष 1998 से 2004 तक सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने का काम किया। वह बड़े नेताओं से सलाह लेती थीं। उन्होंने मुझे 8 राज्यों का जिम्मा दिया था और मैंने 7 में जीत दिलाई थी, लेकिन जब से 2004 के बाद से राहुल गांधी की एंट्री हुई है, यह व्यवस्था समाप्त हो गई है।
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वहीं, गांधी परिवार से अपने रिशते को याद करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी सबको साथ लेकर और सबकी सहमति से सियासत करने में यकीन करते थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी बड़े नेताओं से सलाह लेती थीं, उन पर निर्भर रहती थी और उनकी सिफारिशों को भी स्वीकार करती थीं। उन्होंने कहा कि वे कभी दखल नहीं देती थीं, लेकिन राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ऐसा नहीं करते हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अब सोनिया गांधी की निर्भरता राहुल गांधी पर बढ़ गई है। जबकि, राहुल गांधी के पास राजनीतिक कौशल नहीं है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी चाहती हैं कि हर कोई राहुल गांधी को साथ समन्वय बना ले।
पीएम मोदी तो एक बहाना
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तो एक बहाना हैं। इन लोगों को मुझसे तभी से दिक्कत थी, जब से मैंने इनको जी-23 की ओर से लेटर लिखा था। उन्होंने कहा कि इन लोगों को ये पसंद नहीं था कि कोई भी इन्हें सवाल करे।
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घर छोड़ने पर किया मजबूर
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस की कई बैठकें हुई, लेकिन उन्होंने कोई भी सुझाव स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा मुझे मेरा घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
याद रहे कि गुलाम नबी आजाद ने बीते सप्ताह कांग्रेस छोड़ते हुए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को 5 पन्नों का लेटर लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में एक अच्छी व्यवस्था थी। सोनिया गांधी के दौर में भी यह कायम थी, लेकिन राहुल गांधी के आते ही सब ध्वस्त हो गया। कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद जल्द ही अपनी पार्टी का गठन करेंगे।