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बिना कोचिंग के डाक्टर बनेगी बेटियां, एक के सिर पर पिता का साया भी नहीं
ऊना। होनहारों के चिकने पात। इस कहावत को ऊना (Una) के कोटलाकलां स्थित निजी स्कूल की चार छात्राओं ने सच करके दिखाया है। इन छात्राओं ने नामी मेडिकल कॉलेज (Medical college ), आईआईटी और आरआईएसी जैसे संस्थानों में स्थान पक्का कर जिला का नाम रोशन किया है। शहर से सटे कोटलाकलां स्थित एसएसआरवीएम स्कूल (SSRVM School) के प्रबंधन ने आज छात्राओं और उनके अभिभावकों को इस उपलब्धि के लिए सम्मानित भी किया। इन छात्रों में से एक छात्रा ऐसी है, जिसके सिर पर पिता (Father) का साया भी नहीं है, वहीं एक छात्रा ऐसी है जिसके पिता टैक्सी (Taxi) चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। बड़े संस्थानों में जगह पक्की कर न केवल छात्राओं ने गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की, अपितु अन्य छात्र छात्राओं के लिए भी एक मिसाल कायम की है। स्कूल प्रबंधकों ने इन छात्राओं पर गर्व जताते हुए उन्हें और उनके अभिभावकों को बधाई दी।
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बिना किसी कोचिंग ने पाया मुकाम
जिला मुख्यालय से सटे कोटलाकलां (kotlakalan) के एसएसआरवीएम स्कूल की होनहार चार छात्राओं में से एक टैक्सी चालक की बेटी हैं, जिन्होंने अपने दम पर यह स्थान हासिल किया। एमबीबीएस में अपना स्थान सुनिश्चित करने वाली जिला मुख्यालय निवासी मनीषा ने न तो कोई कोचिंग ली है, न ही उन्होंने इसके लिए कोई विशेष प्रशिक्षण हासिल किया। उन्होंने बताया कि पारिवारिक हालात ऐसे हैं कि उनके पिता टैक्सी चलाते हैं और इसी से उनके परिवार का गुजर बसर भी होता है। इन परिस्थितियों में उन्होंने कोविड (Covid) काल में भी आधुनिक उपकरणों के दम पर सेल्फ स्टडी को आधार बनाकर उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical College ) में अपना स्थान पक्का किया। बेटियों की इस उपलब्धि पर अभिभावक भी फूले नहीं समा रहे थे। वहीं, बच्चों ने भी अपने शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों का पूरा साथ देने के लिए आभार जताया। मनीषा कहती हैं कि यदि एक लक्ष्य निर्धारित करते हुए पूरी लगन के साथ मेहनत की जाए तो उसे हासिल किया जा सकता है।
शिक्षकों को दिया श्रेय
स्कूल के प्रबंधक सोमेश शर्मा का कहना है कि बेटियों ने साबित कर दिया है कि वह किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि स्कूल के अनुभवी एवं मेहनती शिक्षकों ने छात्राओं की प्रतिभा को तराशने में कोई कमी नहीं छोड़ी। छात्राओं ने भी शिक्षकों (Teacher) की मेहनत और अभिभावकों (Parents) के कुशल मार्गदर्शन में लक्ष्य प्राप्ति की तरफ मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि इन छात्राओं ने न केवल विद्यालय बल्कि समूचे जिला को गौरवान्वित किया है। स्कूल प्रबंधक ने विद्यालय के अन्य छात्र.छात्राओं को भी इन चारों छात्राओं से प्रेरणा लेते हुए लक्ष्य हासिल करने की तरफ अग्रसर होने का संदेश दिया।
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