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मिल गई जीत: केंद्र सरकार वापस लेगी कृषि कानून, PM बोले- आंदोलन खत्म करें किसान
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार सुबह राष्ट्र को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों (Agriculture Law) को वापस लेने की घोषणा की। पीएम मोदी ने इस मौके पर देश की जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है। ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।’
आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 19, 2021
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर अपने घर वापस जाने की अपील की।
पीएम मोदी ने कहा कि ये भी बहुत सुखद है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है। पीएम मोदी ने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने कितनी चुनौतियों को काफी करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। 100 में से 80 किसान ऐसे हैं जिनके पास महज 2 हेक्टेयर जमीन है। ऐसे किसानों की संख्या देश में करीब 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी पूरी जिंदगी का आधार यह जमीन का छोटा सा टुकड़ा है और इसी सहारे वे अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी यह जमीन का टुकड़ा और छोटा जा रहा है। बीज, बीमा और बाजार पर सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही यूरिया, स्वाइल हेल्थ कार्ड और माइक्रो इरिगेशन से जमीन को जोड़ा है।
उन्होंने कहा कि हमने 22 करोड़ स्वाइल हेल्थ कार्ड दिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का कानूनों को समझाने का भरपूर प्रयास किया गया, अनेक माध्यमों से. लेकिन वह समझ नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
पिछले साल संसद से पास हुए थे तीनों कानून
गौरतलब है कि तीनों नए कृषि कानून 17 सितंबर 2020 को संसद से पास कराया गया था। इसके बाद से लगातार किसान संगठनों की तरफ से विरोध कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही थी। किसान संगठनों का तर्क था कि इस कानून के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर देगी और उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देगी। जबकि, सरकार का तर्क था कि इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में नए निवेश का अवसर पैदा होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी इस पर सहमति नहीं बन पाई। और किसान दिल्ली कूच कर गए और तब तक डटे रहे जब तक केंद्र सरकार ने तीनो कृषि कानून वापस नहीं लिए।
विपक्ष ने क्या कहा-
राहुल गांधी ने अपना एक पुराना वीडियो ट्वीट करके लिखा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो!
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
आम आदमी पार्टी ने इसे किसानों की जीत बताया है। पार्टी के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि यह किसानों के अभियान की बड़ी जीत है। मोदी सरकार ने आगामी चुनाव में हार के डर से 3 काले कृषि कानून वापस ले लिए हैं। पीएम मोदी को उन किसानों के परिवार से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने न्याय की लड़ाई में अपनी जान गंवाई है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि कुर्बानी रंग लाई है।
Repealing of black laws a step in the right direction …. Satyagrah of Kisan morcha gets historic success…. You’re sacrifice has paid dividends…. Revival of farming in Punjab through a road map should be the top priority for the Pb govt ….accolades
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 19, 2021
इधर, केंद्र सरकार की घोषणा के बावजूद भी भारतीय किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर पर डटा हुआ है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार संसद से कानून को निरस्त नहीं कर देती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।