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बागवानों पर सरकार मेहरबान, अब मार्केट से खरीदे कॉटनों पर जीएसटी में मिलेगा छह फीसदी उपदान
शिमला। सेब कॉर्टनों की कीमत बढ़ने से सेब उत्पादक काफी नाराज चल रहे हैं। इसके लिए वे प्रदर्शन भी कर चुके हैं। अब चुनाव सिर पर हैं तो सरकार किसी को नाराज नहीं करना चाहती। अब हिमाचल के बागवानों के लिए एक राहत भरी खबर है। इसके तहत प्रदेश में अब सभी बागवानों को एचपीएमसी (HPMC) और हिमफेड ही छह फीसदी उपदान नहीं देंगे बल्कि अब बाजार से सेब कार्टन और ट्रे खरीदे जाने पर भी जीएसटी (GST) में छह प्रतिशत उपदान दिया जाएगा। यह उपदान तब मिलेगा जब खरीद अप्रैल 2022 के बाद की गई हो। ज्ञात रहे कि कार्टन और ट्रे पर 18 फीसदी जीएसटी है। अब छह फीसदी जीएसटी का बहन राज्य सरकार करेगी। सरकार ने अब दवाओं के लिए पुरानी व्यवस्था ही बहाल कर दी है। इस संबंध में मुख्य सचिव आरडी धीमान (RD Dhiman) की अध्यक्षता में सचिवों की कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी की शनिवार को सचिवालय में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में ही ये अहम फैसले लिए गए। वहीं राज्य में बागवानी बोर्ड भी गठित किया जा सकता है। सरकार इस मामले पर मंथन कर रही है।
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह निश्चित किया गया कि जीएसटी पर यह छह प्रतिशत का उपदान प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग और एचपीएमसी देंगे। इसके बागवानों को संबंधित विभाग में जाकर एक प्रारूप पर आवेदन देना पड़ेगा। इस प्रारूप के साथ जीएसटी बिल की कॉपी, ब्रिका का प्रमाण पत्र या परिवहन वस्तु रसीद अथवा बाजार के मूल्य की प्रति देनी होगी। सरकार यह उपदान उनके आधार युक्त बैंक खातों में एचपीएमसी के माध्यम से ट्रांसफर करेगी।
यह उपदान एचपीएमसी द्वारा सेल किए गए कॉटनों और ट्रे पर भी मिलेगा। जीएसटी का सारा खर्च सरकार ही वहन करेगी। इस मीटिंग में वित्त, आबकारी एवं कराधान (excise and taxation) , उद्यान, कृषि और सहकारिता विभाग के प्रशासनिक सचिव ने हिस्सा लिया। वहीं सरकार ने एचपीएमसी को निर्देश दिए हैं कि इस बार के सेब सीजन में एक करोड़ पेटियों की पैकेजिंग सामग्री का आवंटन करना है। अतः इसके लिए समय रहते ही तैयारी कर ली जाए। क्योंकि बागवानों को किसी भी प्रकार असुविधा का सामना न करना पड़े। वहीं मुख्य सचिव ने बागवानी विभाग को निर्देश दिए हैं सरकार ने 8.65 करोड़ रुपए जारी किए हैं। अतः इस पैसे को जल्द से जल्द बागवानों को भुगतान किया जाए। वहीं 2021 तक एमआईएस की अदायगी को निपटा दिया जाए। सरकार आगे बजट देगी।
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