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Lok Sabha Election: हमीरपुर संसदीय सीट में इस बार होगी कुछ ऐसी जोर-आजमाइश
Hamirpur Parliamentary Seat: हमीरपुर। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की खुमारी देशभर में सिर चढकर बोल रही है। हिमाचल में भी धीरे-धीरे माहौल बनने लगा है। बीजेपी ने अपने चारों कैंडिडेट घोषित कर रखे हैं तो कांग्रेस ने अभी दो ही सीटों पर कैंडिडेट घोषित किए हुए हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं (Hamirpur Parliamentary Seat) हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की। बीजेपी ने इस मर्तबा भी यहां से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) को ही अपना कैंडिडेट बनाया है। अनुराग इस सीट से चार मर्तबा सांसद बन चुके हैं। उनका ताल्लुक मूल रूप से हमीरपुर जिले से हैं। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर हमीरपुर के समीरपुर के रहने वाले हैं।
ऊना जिले से अब तक दो ही नेता जीते
कांग्रेस ने अभी तक इस सीट पर किसी के नाम का ऐलान नहीं किया है। हालांकि, कांग्रेस में पूर्व विधायक सतपाल रायजादा (Satpal Raizada) का नाम चर्चाओं में है। अगर ऐसा होता है तो मुकाबला हमीरपुर बनाम ऊना भी होगा। हमीरपुर संसदीय सीट में बिलासपुर जिला के साथ-साथ कांगड़ा जिला का देहरा विधानसभा क्षेत्र भी आता है। हमें यहां ये बताना जरूरी है कि हमीरपुर संसदीय सीट से ऊना जिले से अब तक दो ही नेता लोकसभा चुनाव जीत कर संसद की दहलीज पार करने में कामयाब रहे हैं। ऊना जिले से पहली बार भारतीय लोकदल के प्रत्याशी रणजीत सिंह ने 1977 में जीत दर्ज की थी। इसके बाद दिवंगत मेजर जनरल विक्रम सिंह जीत हासिल करने में सफल रहे थे। वर्ष 1996 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर बीजेपी के प्रेम कुमार धूमल (Prem Kumar Dhumal) का विजय रथ रोका था।
मेजर जनरल विक्रम सिंह ने धूमल को हराया था
अब 16 साल बाद कांग्रेस फिर ऊना जिले से प्रत्याशी उतारने के मूड में है। बीजेपी ने पांचवीं बार केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को हमीरपुर से चुनाव मैदान में उतारा है। वह जीत का चौका लगा चुके हैं। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने 1989ए 1991 और 2007 में लोकसभा का चुनाव जीता था। ऊना जिले (Una Distt) से हमीरपुर सीट के लिए कांग्रेस की जीत का खाता 1996 में मेजर जनरल विक्रम सिंह ने ही खोला था। उन्होंने प्रेम कुमार धूमल को जीत की हैट्रिक लगाने से रोक दिया था।
अनुराग को रोकने के लिए कांग्रेस की माथापच्ची
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी कैंडिडेट (Suresh Chandel) सुरेश चंदेल से 1998 में कांग्रेस के विक्रम सिंह को हार का सामना करना पड़ा। सुरेश चंदेल ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई थी। कांग्रेस ने वर्ष 2008 में ऊना जिले से ताल्लुक रखने वाले ओपी रतन को भी इस संसदीय सीट से अपना कैंडिडेट बनाया था,लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद बीजेपी के अनुराग ठाकुर यहां से लगातार जीत रहे हैं। अबकी मर्तबा देखना होगा कांग्रेस अनुराग को रोकने के लिए किस पर दांव लगाती है।