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हिमाचल : हाटी समुदाय के लिए बड़ा दिन, मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा
Last Updated on September 14, 2022 by sintu kumar
हिमाचल प्रदेश के गिरिपार क्षेत्र में रह रहे हाटी समुदाय के लोगों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। हाटी समुदाय (Hatti Community) के लोग काफी लंबे से जनजातीय दर्जे की मांग कर रहे थे। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दे दिया है। कैबिनेट ने सिरमौर के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति और गिरिपार को अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिया है। इस फैसले से हाटी समुदाय के 1,60,000 लोग लाभान्वित होंगे। सीएम जयराम ठाकुर ने केंद्र का आभार जताते हुए ट्वीट किया है कि इस फैसले से डेढ़ लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
बधाई सिरमौर! हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जिला सिरमौर में रहने वाले हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा प्रदान करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई।
इस फैसले से डेढ़ लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।#रिवाज_बदलना_तय_है pic.twitter.com/AG2024A1yh
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) September 14, 2022
हिमाचल प्रदेश का गिरिपार क्षेत्र और उत्तराखंड का जौनसार बावर आजादी से पहले सिरमौर (Sirmour) रियासत का हिस्सा हुआ करता था। आजादी के बाद उत्तराखंड के जौनसार बावर को 1967 में जनजाति का दर्जा मिल चुका है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का हाटी समुदाय लगातार इसके लिए संघर्ष कर रहा था।
इस समुदाय को जनजाति का दर्जा मिलने का बड़ा असर राज्य के चार विधानसभा क्षेत्रों – शिलाई, पांवटा, साहिब, रेणुका और पच्छाद पर पड़ना तय माना जा रहा है। इसके अलावा राज्य की राजधानी शिमला सहित पांच अन्य विधानसभा सीटों नाहन, सोलन, शिमला, शिमला ग्रामीण और चौपाल में भी हाटी समुदाय चुनावी जीत-हार में बड़ी भूमिका निभाता है।