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पंचतत्व में विलीन हुए हवलदार रंजीत सिंह, नम आंखों से दी विदाई
नाहन। सिरमौर जिले के मुख्यालय नाहन के अंतर्गत आने वाले बर्मा पापड़ी के निवासी 46 वर्षीय रणजीत सिंह पुत्र प्रेमचंद की पार्थिव देह शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे उनके पैतृक गांव पहुंची। पूरे राजकीय सम्मान (Full State Honor) के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बेटों ने पिता को मुखाग्नि दी। सैंकड़ों लोगों ने उन्हें नाम आंखों से अंतिम विदाई दी। तिरंगे में लिपटी उनकी पार्थिव देह देखकर पत्नी सहित दोनों बेटे बेसुध हो गए।
रणजीत का निधन 28 अगस्त को डायरिया की चपेट में आने से हो गया था। हवलदार रणजीत सिंह नगालैंड में असम राइफल्स में तैनात थे। रणजीत सिंह अपने पीछे उनकी माता सीतो देवी, पिता प्रेम चंद व धर्म पत्नी कला देवी सहित 2 बेटों को छोड़ गए हैं। शुक्रवार को सेना व पुलिस जवानों की टुकड़ी ने हवलदार रंजीत सिंह को अंतिम विदाई दी। इस दौरान एडीएम नाहन रजनेश कुमार, सैनिक कल्याण बोर्ड जिला सिरमौर के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन सहित अन्य अधिकारियों ने हवलदार रणजीत सिंह को अंतिम विदाई दी।
28 अगस्त को था जन्मदिन
ग्राम पंचायत बर्मा पापड़ी के प्रधान एवं हवलदार रणजीत सिंह के चचेरे भाई शेर सिंह ने बताया कि 28 अगस्त को हवलदार रंजीत सिंह का जन्म जन्मदिन था। पिछले कुछ दिनों से ड्यूटी पर तैनात रणजीत सिंह की तबीयत बिगड़ गई थी। 28 अगस्त की रात उनकी मृत्यु हो गई।