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आदेशों की अनुपालना न करने पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट की फटकार
Himachal High Court : प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में अड़ंगा डालने की कोशिश करने पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक (Director of Elementary Education) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट (Himachal High Court) ने कहा कि निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, हिमाचल प्रदेश के कार्यालय से दिनांक 27.07.2024 को जारी निर्देश इंगित करते हैं कि हाईकोर्ट (High Court) द्वारा 4 महीनों के भीतर याचिकाकर्ताओं को स्वीकार्य लाभ जारी करने के आदेशों में रुकावट पैदा करने के मकसद से उन्हें यह लाभ किश्तों में जारी करने को कहा गया है। निदेशक के इन निर्देशों से स्पष्ट है कि न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशानुसार प्रार्थियों को वित्तीय लाभ जारी नहीं किए गए हैं।
वित्तीय लाभ किश्तों में जारी करने के दिए थे निर्देश
शिक्षा निदेशक (Director of Education) ने वित्त विभाग के निर्देशों का हवाला देते हुए वित्तीय लाभ किश्तों में जारी करने का निर्देश देकर न्यायालय (High Court) के आदेशों से आगे निकलने की कोशिश की है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि उत्तरदाताओं की ओर से ऐसा आचरण अवमाननापूर्ण प्रकृति का है। कोर्ट ने कहा कि निदेशक के खिलाफ अवमानना के प्रावधानों को लागू किए बिना भी उनका आचरण न केवल न्यायालय (Court) द्वारा जारी निर्देशों की अवज्ञा के लिए बल्कि न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों के विपरीत कार्यालय आदेश जारी करके न्यायालय (Court) द्वारा पारित निर्देशों का अतिक्रमण करना न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के गैर-क्रियान्वयन के समान है।
साल बीत जाने पर भी नहीं किया देय वित्तीय लाभ का भुगतान
अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए निदेशक को उत्तरदायी और दंडित किया जा सकता है और कारावास में डाला जा सकता है। विभिन्न याचिकाकर्ता जेबीटी अध्यापकों के अनुसार कोर्ट ने उसकी जूनियर बेसिक टीचर (JBT) के रूप में प्रदान की गई अनुबंध वाली सेवाओं को पेंशन व वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए गिने जाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को देय वित्तीय लाभों का भुगतान 4 माह के भीतर देने को कहा था। यह आदेश 29 अगस्त 2023 को जारी किए गए थे। प्रार्थियों का आरोप है कि करीब एक साल बीत जाने पर भी कोर्ट के आदेशों की अनुपालना नहीं की गई है।