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हिमाचल: सड़कों के निर्माण में हो रही देरी, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
Last Updated on November 24, 2021 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के हलफनामे के माध्यम से यह अवगत करवाने के आदेश दिए कि कितने समय में कैथलीघाट से ढल्ली और तारा देवी से घंडल तक की सड़कें बनकर तैयार हो जाएंगी। कोर्ट ने सरकार से इन दो महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य पूरा करने में हुई देरी का कारण भी बताने को कहा है।
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गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ ने पिछले हफ्ते शिमला की सड़कों पर बार-बार ट्रैफिक जाम से निजात पाने से जुड़े मामले में यह आदेश पारित किए। अदालत ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह सर्वेक्षण कर न्यायालय को अवगत करावाएं कि टूटू में ट्रैफिक जाम से निजात पाने के लिए शिमला से ढांडा तक एक किलोमीटर का बायपास रोड बनाने के लिए उनकी क्या योजना है। न्यायालय ने नगर निगम शिमला को भी टूटू व ढांडा में पार्किंग सुविधा के निर्माण को लेकर सर्वे करने का निर्देश दिया। वह अदालत को सूचित करें कि क्या कहीं उक्त क्षेत्रों के पास पार्किंग की सुविधा प्रदान की जा सकती है ताकि लोगों को सड़क के दोनों ओर वाहन पार्क करने से हतोत्साहित किया जा सके।
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कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक शिमला को निर्देश दिए हैं कि वह उक्त क्षेत्र में केवल एक तरफ वाहनों की पार्किंग की संभावना तलाशें। सुनवाई के दौरान सीसिल होटल और आरटीओ कार्यालय के पास टैक्सियों की पार्किंग के बारे में कोर्ट के संज्ञान में लाया गया। इस पर कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि टैक्सियों के लिए किसी अन्य पार्किंग स्थान की पहचान करें। अदालत ने एमसी शिमला को सड़क के नजदीक किए गए अतिक्रमणों की पहचान चार हफ्ते के अंदर करने को कहा और निर्देश दिए कि वह कोर्ट को बताए कि कितने समय की अवधि में ऐसे अतिक्रमणकारियों हटाया जाएगा।
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