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फॉरेक्स घोटाला: ब्लैक को व्हाइट करने के लिए ठगों ने किए यह काम, पुलिस हैरान
मंडी। हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी घोटाले (Crypto Fraud In Himachal) के बाद सामने आए फॉरेक्ट ट्रेडिंग घोटाले (Forex Trading Scam) में अब ऐसे राज खुल रहे हैं कि पुलिस भी हैरान है। इस घोटाले के ठगों ने निवेशकों के पैसे को ब्लैक से व्हाइट (Make Black Money To White) करने के लिए कहीं मीडिया चैनल खोले तो कहीं प्रॉपर्टी खरीदकर कुछ दिन बाद बेच दी। ठगों ने पंजाब के खरड़ में एक ही दिन में 15 फ्लैट खरीदे (Flats Purchased) थे। फ्लैट खरीदने का पैसा सूद एंड सूद कंपनी दिया था। लेकिन कुछ दिन बाद ही ठगों ने फ्लैट्स को बेचकर पैसा व्हाइट कर लिया। पुलिस ने सभी फ्लैट्स को जब्त कर लिया है।
मंडी की एसएसपी सौम्या सांबशिवन ने बताया कि ठगों ने मीडिया कंपनियों (Invested In Media Companies) में भी पैसा लगाया था। साथ में अपना खुद का मीडिया चैनल भी शुरू किया। यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि फॉरेक्स घोटाले को अंजाम देने वाले ठगों ने महज दो साल पहले ही क्यूएक्स नाम (QX) से कंपनी खोली थी। कंपनी के पास फाइनेंशियल ट्रेडिंग का लाइसेंस नहीं था, जो सेबी या रिजर्व बैंक जारी करता है। बावजूद इसके, क्यूएक्स कंपनी ने हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और गोवा में दफ्तर खोले और निवेशकों को दोगुने पैसे का लालच देकर निवेश कराया। ठगों ने निवेशकों को एक साल में 60 फीसदी ब्याज देने का लालच दिया था। ज्यादा ब्याज के लालच में फंसे लोगों ने करीब 210 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
कुल 5 लोगों का था गैंग
क्यूएक्स कंपनी का पूरा कारोबार 5 बदमाशों के कब्जे में था। इनमें से दो पुलिस के कब्जे में हैं। तीन दुबई (Dubai) भाग चुके हैं। तीनों की तलाश में एक लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। पुलिस ने विदेश, गृह और वित्त मंत्रालय को स्थिति से अवगत करा दिया है। पुलिस ने तीनों अपराधियों को दुबई से वापस लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
सात माह में बंद हुआ मीडिया चैनल
बदमाशों ने इंटरनेट मीडिया पर एक चैनल (Media Channel) शुरू किया था। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर चैनल के कार्यालय खोले गए। हर कार्यालय में चार से पांच युवक रखे गये थे। सात महीने बाद अब जब सच्चाई लोगों के सामने आ गई है तो बदमाशों ने अपने चैनल के ज्यादातर दफ्तर बंद कर दिए हैं।
मामला ईडी को जा सकता है
पांचों राज्यों में बदमाशों ने लोगों को फंसाने के लिए फील्ड में एजेंट तैनात कर रखे थे। मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका को देखते हुए पुलिस इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपने पर विचार कर रही है। आयकर विभाग (Income Tax Department) को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है। पांचों मुख्य आरोपियों ने निवेशकों से मिले पैसे को फ्लैट और लग्जरी गाड़ियां खरीदने में निवेश किया था। पुलिस सक्रिय रूप से विदेशी मुद्रा व्यापार में शामिल फील्ड एजेंटों की तलाश कर रही है।