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हिमाचल: अगले तीन दिन नहीं होंगी विधानसभा की बैठकें, दो मार्च को शुरू होगा सदन
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हेलिकाप्टर सेवाओं (Helicopter Services) के लिए स्काई वन कंपनी (Sky One Company) से किया कांट्रेक्ट रद्द कर दिया है। यह जानकारी शनिवार को सदन में सीएम जयराम ठाकुर ने विधायक मोहनलाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी। सीएम जयराम (CM Jai Ram) ने बताया कि हेलिकाप्टर सेवाएं सही तरीके से उपलब्ध नहीं करवा पाने के चलते यह कांट्रेक्ट रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा पिछले तीन महीनों में देखा गया कि ज्यादातर समय यह हेलिकाप्टर खराब ही रह रहा है। उन्होंने कहा कि नए हेलिकाप्टर के लिए सरकार व्यवस्था कर रही है।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक मोहनलाल सवाल पूछा था कि यदि डोडराक्वार क्षेत्र में लोगों के लिए हेलिकाप्टर की जरूरत रहेगी तो सरकार इस संबंध में व्यवस्था करेगी, लेकिन फिलहाल सरकार के पास कोई बड़ा हेलिकाप्टर उपलब्ध नहीं है। बता दें कि सरकार ने स्काई वन कंपनी का यह 22 सीटर हेलिकाप्टर तीन महीने पहले ही खरीदा था। सरकार को इसका पांच लाख रुपये प्रति घंटा उड़ान खर्च वहन करना पड़ रहा था। लेकिन यह हेलिकाप्टर अधिकतर समय खराब ही रहता था। इस कारण सरकार ने कंपनी का कांट्रेक्ट रद कर दिया है।
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हिमाचल विधानसभा की कार्रवाई तीन दिन के लिए बंद
हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhansabha) की कार्रवाई अगले तीन दिन के लिए बंद रहेगी। अब बुधवार को बजट सत्र होगा। रविवार को छुट्टी के चलते विधानसभा तीन दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।। जबकि सोमवार को भी हिमाचल विधानसभा की कार्रवाही नही होगी। मंगलवार को शिवरात्रि (Shivratri) की छुट्टी के चलते सोमवार को भी छुट्टी (Holiday) की गई है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन में छुट्टी का प्रस्ताव रखा, जिस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री व सीएम जयराम ने इस पर सहमति जताई। 28 फरवरी को होने वाले सत्र को स्थगित कर दिया गया है। 2 मार्च को सत्र दस बजे से शुरू होगा। अब तीन दिन की छुट्टी के बाद बुधवार को सदन लगेगा।
धवाला ने घाटे में चल रहे निगमों और बोर्डों का उठाया मुद्दा
वहीं ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला (MLA Ramesh Dhawala) ने शनिवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान निगमों और बोर्डों के घाटे पर अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने घाटे से जूझ रहे निगमों और बोर्डों के सरप्लस कर्मचारियों को अन्य उपक्रमों में भेजने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि निगमों-बोर्डों में करीब चार हजार करोड़ के घाटे की बात कैग रिपोर्ट में भी सामने आई है। 70 फीसदी निगम.बोर्ड घाटे में हैं। परिवहन निगम में चालकों और परिचालकों से अधिक अफसर हैं।
जयराम बोले: धवाला टेक्निकल आदमी, अच्छा होता घाटा दूर करने के भी देते सुझाव
बिजली बोर्ड में जरूरत से अधिक चीफ इंजीनियर नियुक्त हैं। इस तरह के सरप्लस स्टाफ को अन्य उपक्रमों में भेजने के लिए नीति बनाई जानी चाहिए। सीएम जयराम ने कहा कि रमेश धवाला टेक्निकल आदमी हैं। अच्छा होता घाटा दूर करने के सुझाव भी देते। बताया कि हिमाचल में 11 निगम और एक बोर्ड घाटे में है। तीन की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार आया है। दूरदराज क्षेत्रों में लोगों की सुविधा के लिए घाटे वाले उपक्रमों को चलाना भी जरूरी है। इन्हें बंद करने का सुझाव कुछ जगह व्यावहारिक नहीं है। जनहित में बिजली बोर्ड और एचआरटीसी (HRTC) को बंद नहीं किया जा सकता। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सुविधा के लिए कई रूट घाटे में चलाने पड़ते हैं। दुर्गम क्षेत्रों में बिजली की मेंटेनेंस करनी पड़ती है। बिजली बोर्ड को बीते तीन वर्ष में 1521 करोड़, एचआरटीसी को 1585 करोड़ और पर्यटन विकास निगम को 70 करोड़ की मदद दी गई है।
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