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हिमाचल: लंगर विवाद में आया नया मोड़, IGMC प्रशासन ने दिखाया 2014 का नोटिस
शिमला। लगंर विवाद में अब एक नया मोड़ सामने आया है। आईजीएमसी अस्पताल प्रबंधन ने 2014 की एक नोटिस सबके सामने रखी है। इस नोटिस के मुताबिक सरकार (Government) ने अपने निर्देश में कहा था कि बॉबी वेला को अस्पताल में कोई जगह नहीं मिलेगी। ना ही वे अस्पताल परिसर में किसी प्रकार की गतिविधि चलाने के लिए वैध पात्र हैं। उन्हें बस अस्पताल परिसर में चाय और खिचड़ी बांटने की अनुमित दी गई है। अगर एनजीओ या सरबजीत सिंह इन नियम कायदों का उल्लंघन करते हैं, तो अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग उनके ऊपर उचित कदम उठाएगा।
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जनकर राज ने किया हमला
इसी नोटिस को लेकर एमएस जनक राज ने सरबजीत सिंह (Sarabjeet Singh) पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि जनवरी में आईजीएमसी प्रशासन ने संस्था को टेंडर प्रक्रिया से आने के लिए कहा, लेकिन संस्था ने टेंडर में भाग नहीं लिया। ऐसे में प्रशासन ने संस्था को जगह खाली करने को कहा। उस दौरान भी काफी विवाद हुआ। सरबजीत सिंह बॉबी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह 31 मार्च 2021 को ये जगह खाली कर देंगे और चाबी एमएस को सौंप देंगे, लेकिन अब सितंबर शुरू होने के बावजूद जब संस्था ने जगह खाली नहीं की तो एमएस डॉ. जनक राज ने 4 सितंबर को खाली करने को कहा।
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आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज (IGMC MS Dr. Janak Raj) के नेतृत्व में अस्पताल प्रशासन मौके पर पहुंचा। निजी संस्था से जब पूछा कि आपके पास अस्पाल की संपत्ति पर लंगर लगाने को लेकर कोई कागज है तो संस्था में काम कर करने वालों ने संतोष जनक जवाब नहीं दिया। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने लंगर को अस्पताल परिसर से खाली करवाते हुए सरबजीत के सामान को अस्पताल गेट के बाहर फेंकवा दिया।”अस्पताल की संपत्ति पर अवैध कब्जा है। इसलिए उसे हटाया गया है। लंगर बंद नहीं हुआ है। मरीजों को खाना मिल रहा है। अवैध को नियमित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया होती है। बॉबी टेंडर भरे।” – डॉ. जनक राज (एमएस) , आईजीएमसी
हमारे साथ हुई धक्का-मुक्की
वहीं, लंगर मैनेजर दीपिका ने बताया कि हम मरीजों व तीमारदारों के हित में कार्य कर रहे हैं। कई वर्षों से हम मरीजों व तीमारदारों के लिए निशुल्क लंगर की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। प्रशासन अधिकारियों के साथ सुरक्षा कर्मी सहित कुछ कर्मचारी दिन के समय आए और हमारा सामान बाहर निकाल दिया। दीपिका ने कहा कि जब हम उन्हें रोक रहे थे तो उन्होंने हमारे कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की। हमने जो मरीजों व तीमारदारों के लिए दिन के समय का खाना तैयार किया था। उसे भी बाहर निकाला गया. हमारी सरकार से भी मांग है कि लंगर बंद न किया जाए। उन्होंने कहा कि सरबजीत सिंह बॉबी अभी शिमला में नहीं है. उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है और वे चंडीगढ़ में अपना उपचार करवा रहे हैं।
सवालों से बचते दिखे सीएम
बहरहाल, लंगर विवाद मामले ने हिमाचल (Himachal) में तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस (Congress) इसे सियासी मुद्दा बनाने में जुटी है। तो दूसरी तरफ लोगों का लंगर के प्रति सेंटिमेंट्स हाई है। वहीं बीते दिनों कांग्रेस, सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों के सेंटिमेंट्स से घिरी सरकार इस बवाल से बचती नजर आई। मीडिया ने जब लंगर से जुड़े सवाल किए, जो जानकारी ना होने की बात कहकर सीएम जयराम ठाकुर बचते दिखे।
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