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चंदन और खैर कटान की अनुमति के लिए हिमाचल सरकार Supreme Court पहुंची
शिमला। हिमाचल प्रदेश में चंदन और खैर के पेड़ों के समयबद्ध कटान और इसकी बिक्री की अनुमति के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। वन मंत्री राकेश पठानिया (Forest Minister Rakesh Pathania) ने आज प्रदेश विधानसभा में कहा कि इस संबंध में सरकार ने दो रोज पूर्व 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि सरकार अदालत में प्रभावी ढंग से अपना पक्ष रखेगी और मामले को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास करेगी। राकेश पठानिया आज विधानसभा में विधायक रमेश ध्वाला द्वारा गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस के तहत सरकारी और निजी भूमि पर लगे खैर तथा चंदन के पेड़ों के समयबद्ध कटान और इसकी बिक्री को लेकर नीति बनाए जाने के मुद्दे पर लाए गए संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। बाद में वन मंत्री के जवाब से संतुष्ट रमेश ध्वाला ने अपना संकल्प वापस ले लिया।
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वनमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खैर कटान का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि कोर्ट (Court) ने प्रदेश में तीन स्थानों पर ही खैर कटान की इजाजत दी है। उन्होंने कहा कि खैर का ममला लोगों की भावनाओं के साथ जुडा है और इसकी तस्करी भी हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरित कटान पर लगे रोक के एवज में 15वें वित्तायोग से 15 फीसदी ग्रांट दिए जाने का मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि पेड़ों की तस्करी को रोकने के लिए वन विभाग 226 बीटों पर 62 चैक पोस्ट पर निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि चंदन की तस्करी को रोका जा रहा है। उनका कहना था कि चंदन की लकड़ी को बेचने के लिए सरकार शीघ्र नीति तैयार करेगी। सरकार ने अपनी नर्सरी में चंदन के 60 हजार पौधे तैयार कर दिए हैं और जल्द ही लोगों को वितरीत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गिरे हुए पेड़ों की वस्तुस्थिति के लिए भी अफसरों को निर्देश दिए गए हैं।
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वन मंत्री ने कहा कि पहली अक्तूबर से शिमला में एफएआर (FAR) का क्षेत्रीय कार्यालय खुल जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यालय के खुलने के बाद 40 हैक्टेयर क्षे़त्र पर एफआरए की अनुमित यहीं से मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायतीराज विभाग के साथ मिल कर पंचवटी वाटिका योजना पर काम करेगी और इस कार्य को मरनेगा से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से खैर के मामले में रूलिंग नहीं आएगी, तब तक खैर कटान के मामले में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।