-
Advertisement

#Himachal: पोस्टल बैलेट पेपर के प्रावधान में देरी से भड़का संघ, उठाई यह मांग
शिमला। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ (Himachal Government Teachers Association) ने चुनाव ड्यूटी (Election Duty) पर तैनात अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के लिए पोस्टल बैलेट पेपर के प्रावधान में की जा रही देरी की कड़े शब्दों में निंदा की है। संघ ने संदेह व्यक्त किया है कि आयोग की इस लापरवाही के कारण चुनाव पर तैनात कर्मचारियों को कहीं अपने राजनीतिक अधिकार से वंचित ना होना पड़े। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंदर चौहान, महासचिव श्याम लाल हांडा, वित्त सचिव देव राज ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता एवं मुख्य प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, मुख्य संरक्षक अरुण गुलेरिया, संरक्षक अजित चौहान, विजय गोस्वामी, सरोज मेहता, चेयरमैन सचिन जसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव ठाकुर, डीपी शर्मा, मनोहर शर्मा, उपाध्यक्ष जोगिंदर चौधरी, गोविंद पठानिया, नागेश्वर पठानिया, मुख्य सलाहकार कपिल पावला, मुख्य वेब सचिव रमन वर्मा, विभिन्न ज़िला अध्यक्षों में शिला के महावीर कैंथला, कुल्लू के यशपाल शर्मा, सिरमौर के राजीव ठाकुर, ऊना के डॉ. किशोरी लाल, बिलासपुर के राकेश संधू, हमीरपुर के सुनील शर्मा, सोलन के रणधीर सिंह राणा, कांगड़ा के नरदेव ठाकुर, चंबा के हरिप्रसाद शर्मा व किन्नौर के आरके नेगी आदि ने आश्चर्य व्यक्त किया कि एक ओर तो आयोग कोविड (Covid) पॉजिटिव लोगों के लिए उचित व्यवस्था किए बिना मतदान की व्यवस्था की ताल ठोक रहा है, वहीं इतनी अधिक संख्या में मतदान व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के इस अधिकार के प्रति उदासीन नजर आ रहा है।
यह भी पढ़ें: Panchayat Election: बैलेट पेपर में भी होगा नोटा का ऑप्शन, इन ब्लॉक पर निर्णय 23 के बाद
उन्होंने बताया कि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल नववर्ष के उपलक्ष्य पर राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के सचिव से मिला था। संघ ने चुनाव ड्यूटी के दौरान रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा पदक्रम को नजरअंदाज कर लगाई जा रही ड्यूटी के मुद्दे को उठाया था। चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को दिए जाने वाले भुगतान को समय पर जारी करने का भी आग्रह किया था। संघ आयोग का धन्यवाद करता है कि उसने मानदेय संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। संघ यह भी आशा करता है कि आयोग मतदान प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों के मताधिकार को उनसे नहीं छिनेगा तथा चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को भी उचित व बराबर का मौका देंगे। क्योंकि चुनाव ड्यूटी पर तैनात व्यक्तियों के लिए मतदान का प्रावधान ना करने से कई प्रत्याशियों का चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है।