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हिमाचल का खजाना भरने के लिए सुक्खू सरकार उठाने वाली है ये दो कदम
शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार (Sukhu Govt) इस समय राज्य का खजाना भरने की जुगत भिड़ा रही है। एक तो राज्य पर करीब 75 हजार करोड़ का कर्ज है, ऊपर से हाल की प्राकृतिक आपदा (Himachal Calamity) से 8000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसी को देखते हुए सरकार राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) और शीतकालीन सत्र में दो बड़े कदम उठाने वाली है।
पहले वाटर सेस (Water Cess) से कमाई का जरिया तलाशा गया और अब 50 लाख रुपए से अधिक के जमीन सौदों पर स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) को 8 प्रतिशत करने की तैयारी है। कैबिनेट की मीटिंग में स्टांप ड्यूटी बढ़ाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया था। इस पर सहमति होने के बाद राज्य सरकार भारतीय स्टांप अधिनियम में बदलाव कर दो विधेयक लाने की तैयारी में है।
पहला बिल मॉनसून सत्र में
मौजूदा समय में हिमाचल में जमीन के सौदों में रजिस्ट्री के समय महिलाओं को स्टांप ड्यूटी पर दो फीसदी छूट है। महिलाओं के नाम से रजिस्ट्री होने पर स्टांप ड्यूटी 4 फीसदी लगती है। पुरुषों के नाम से होने वाली रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी 6 फीसदी है। राज्य सरकार इसे 8 फीसदी करने के मूड में है। इस आशय का बिल इसी मानसून सेशन में लाया जा सकता है।
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दूसरा बिल शीतकालीन सत्र में
दूसरा बिल हिमाचल सरकार खनन लीज और कंपनी एक्ट के तहत होने वाली पार्टनरशिप डीड (Partnership Deed) के लिए अलग से स्टाम्प ड्यूटी लगाने का है। इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। भारतीय स्टांप अधिनियम-1899 में संशोधन से जुड़े दोनों विधेयक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजे जाएंगे।