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कोविड से लड़ने वाले 1844 कर्मियों को सरकारी फरमान- ‘कल से मत आना’
शिमला। कोविड काल में हजारों लोगों की जान बचाने वाले कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) सोमवार से अस्पतालों में नजर नहीं आएंगे। हिमाचल सरकार ने इन्हें आखिरी फरमान थमा दिया है, जिसमें लिखा है- ‘कल से अस्पताल मत आना’। अब इन 1844 कोरोना वॉरियर्स के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे कहां जाएं। अपना परिवार कैसे चलाएं? आउटसोर्स पर भर्ती (Recruited On Outsource) किए गए ये कर्मी मंगलवार को सीएम से मिलकर नौकरी बचाने की फिर गुहार लगाएंगे। इनका अनुबंध 30 सितंबर को खत्म हो गया है। कोरोना आउटसोर्स कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन (Salary) तक नहीं मिला है। यह मामला भी सरकार के ध्यान में लाया गया है, लेकिन आश्वासन ही मिला है।
विपक्ष का विरोध भी काम नहीं आया
कर्मचारियों को बर्खास्तगी के ऑर्डर ई-मेल के साथ ही डाक से उनके घर भी भेजे गए हैं। कोरोना काल में इन कर्मचारियों की वार्ड के अलावा अस्पतालों की ओपीडी में नियुक्ति की गई थी। लैब में मरीजों के टेस्ट करने का जिम्मा भी इन कर्मचारियों पर था। नौकरी से निकालने पर ये कर्मचारी बड़े गुस्से में हैं। विधानसभा के भीतर विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायकों (BJP Protested) ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। सरकार से इन कर्मचारियों की नौकरी बहाल करने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने किसी की एक नहीं सुनी।
विचार करने के बाद आगे बढ़ेंगे
इस मसले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में रविवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों का मुद्दा सरकार के विचाराधीन है। इस बारे में कुछ बैठकें भी हुई हैं। सरकार सोच-विचार के बाद इस पर आगे कदम बढ़ाएगी।
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