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हर विधानसभा क्षेत्र में खुलेगा IPH का मंडल; जयराम बोले: खोलना था तो बंद क्यों किया?
लेखराज धरटा/शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के हरेक विधानसभा क्षेत्र (Every Assembly Area) में IPH का एक-एक मंडल खोलेगी। सरकार का यह नीतिगत फैसला (Policy Decision) है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 9 विधानसभा क्षेत्रों में IPH के मंडल कार्यालय (IPH Zonal Office) नहीं है। विगत में कुछेक विधायकों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में दो-दो मंडल खुलवा लिए। उन्होंने कहा कि ऐसे विधानसभा क्षेत्रों से IPH के मंडलों का युक्तिकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के चुनाव क्षेत्र में खुले विभाग के मंडल कार्यालय से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
जयराम ने उठाया सवाल
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार को यह कहते हुए घेरने का प्रयास किया कि जब नए मंडल कार्यालय खोलने ही थे तो फिर पिछली सरकार के खोले गए कार्यालयों को क्यों बंद किया गया? इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि एक अप्रैल 2022 के बाद खोले गए संस्थानों को बंद करने के नीतिगत फैसले के तहत ही इन मंडल कार्यालयों को बंद किया गया था। लेकिन अब आर्थिक स्थिति और जमीनी हकीकत (Ground Reality) का आंकलन करने के बाद सरकार इन्हें खोलेगी।
शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में नहीं आएगी धन की कमी
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य (Health And Education) के क्षेत्र में धन की कमी को आड़े नहीं आने देगी। प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी सदस्य विनोद कुमार और कांग्रेस सदस्य चंद्रशेखर के अनुपूरक सवालों का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि धर्मपुर, कुटलैहड़ और नाचन विधानसभा क्षेत्रों में निर्माणाधीन अटल आदर्श विद्यालयों को पूरा किया जाएगा। इन स्कूलों को कैसे चलाना है, इस बारे जल्द ही वह शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
बिना गारंटी के बंटे लोन की होगी जांच
प्रश्नकाल के दौरान कांगड़ा सेंट्रल सहकारी बैंक (Kangra Central Cooperative Bank) के एनपीए का मामला गूंजा। कांग्रेस सदस्य राजेंद्र राणा ने यह मामला उठाया। राणा के सवाल का जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले वित्त की समाप्ति तक कांगड़ा सेंट्रल सहकारी बैंक का एनपीए 1147.90 करोड़ रुपए था। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2023 से 30 नवंबर 2023 तक 44.70 करोड़ रुपये के एनपीए (NPA) की वसूली की गई। उन्होंने कहा कि बैंक आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक ही ऋण आवंटन करता है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक ने कई मामलों में बगैर गारंटी के ऋणों का आवंटन किया है। इसके अलावा बैंक के निदेशक मंडल ने भी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए ऋण बांटे। सरकार के पास इस बारे शिकायतें आई हैं। सीएम ने कहा कि इस मामले में सरकार जांच कर कार्रवाई करेगी। साथ ही बैंक के ऋणों को एनपीए होने से बचाने के उद्देश्य से नीतिगत फैसला लिया जाएगा।