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सौर ऊर्जा से 500 मेगावाट बिजली बनाकर 1000 करोड़ बचाएगी सरकार
अवंतिका खत्री/धर्मशाला। हिमाचल सरकार अगले एक साल में 500 मेगावॉट सौर ऊर्जा (Solar Energy) से बिजली पैदा कर अपने खजाने में 1 हजार करोड़ रुपए बचाएगी (Save 1000 Crore)। हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) के शीतकालीन सत्र के पहले दिन धर्मशाला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नियम 63 के तहत जारी चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सर्दियों में हिमाचल प्रदेश पड़ोसी राज्यों से महंगी बिजली (Purchase Power At High Cost ) खरीदता है। अब ऊर्जा नीति में बदलाव से सरकार को न केवल बचत होगी, बल्कि हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम होगा। CM ने कहा कि हिमाचल को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीति में बदलाव किया जाएगा।आगामी चार माह में पेखुवाला में प्रदेश का सबसे बड़ा 32 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा। सरकार का लक्ष्य प्रदेश को 2026 तक ग्रीन एनर्जी स्टेट (Green Energy State) बनाने का है। सरकार फॉस्फोरस एनर्जी के दोहन की दिशा में भी आगे बढ़ रही है।
CM ने बीजेपी पर हितों की अनदेखी का लगाया आरोप
CM ने बीजेपी पर प्रदेश के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने लुहरी-सुन्नी और धौलासिद्ध प्रोजेक्टों को आसान शर्तों पर एसजेवीएन (SJVN) को दे दिया। लेकिन अब सरकार ये प्रोजेक्ट्स अपनी शर्तों पर एसजेवीएन को सौंपेगी।
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हाइडल पर ज्यादा जोर दे सरकार
बीजेपी सदस्य डॉ. हंसराज ने कहा कि हम ऊर्जा उत्पादन का सही दोहन करने में फेल हुए हैं। हमारे पास पनबिजली उत्पादन की अपार संभावना है, तो अन्य स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन की चर्चा क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि हम सौर ऊर्जा की बात कर रहे हैं, लेकिन इसमें भी बहुत दिक्कत है। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष बाद इसके वेस्ट को कैसे ठिकाने लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो और चार मेगावाट के छोटे-छोटे प्रोजेक्ट लगाकर पनबिजली (Hydel Energy) उत्पादन किया जा सकता है।
नीतियों में रही हैं कमियां
विधायक त्रिलोक जम्वाल ने 800 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट (Power Project) को रद्द करने का विरोध किया तथा कहा कि जिन लोगों ने वर्षों पहले इन प्रोजेक्टों के लिए एमओयू हस्ताक्षर किए हैं, उन पर वाटर सेस लगाना गलत है। विधायक जेआर कटवाल ने कहा कि राज्य में नवीकरणीय और हरित ऊर्जा के लिए बनी नीतियों में कमियां रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में हाईडल प्रोजेक्टों को बढ़ावा देकर ही हिमाचल को हरित राज्य बनाया जा सकता है।