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हिमाचल हाईकोर्ट में स्टेट टीचर अवार्ड चयन में गड़बड़ी मामले की सुनवाई टली
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court ) में स्टेट टीचर अवार्ड चयन में कथित गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका की सुनवाई टल गई। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंदर सिंह की खंडपीठ ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डोमेहर जिला सोलन में कार्यरत शारीरिक शिक्षा अध्यापक राज कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले पर सुनवाई 7 दिसम्बर को निर्धारित की है। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर उससे कम मेरिट के अध्यापकों को स्टेट टीचर अवार्ड (State Teacher Award) के लिए चयनित किया। प्रार्थी के अनुसार उसका चयन वर्ष 2007 में पीटीए अध्यापक के रूप में हुआ था। उसने बास्केट बॉल, हैंड बॉल, खो खो और कबड्डी इत्यादि खेलों के कोच के रूप में बच्चों को प्रशिक्षण दिया और उसके 8 शिष्य खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी पाने में भी सफल रहे। उसके उत्कृष्ट कार्यों के लिए मुख्य मंत्री व अन्य मंत्रियों सहित शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी पुरस्कृत किया।
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2011 की जनगणना (2011 census) में उसकी कर्तव्य निष्ठा को देखते हुए भारत सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल भी दिया। आबूधाबी दुबई में आयोजित स्पेशल चिल्ड्रन ओलंपिक में भारतीय बास्केट बॉल टीम के कोच के रूप में काम किया। और भारत की टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। जुलाई 2022 को बास्केट बॉल खेल के लिए रिसोर्स पर्सन नियुक्त किया गया और उसने पूरे हिमाचल के डीपीई (DPE) को प्रशिक्षण दिया। सरकार ने वर्ष 2018 में स्कूल अध्यापकों के लिए स्टेट टीचर अवार्ड नीति बनाई। अपनी अनेकों उपलब्धियों के साथ प्रार्थी ने इस नीति के तहत अवार्ड के लिए आवेदन किया। 12 अगस्त 2022 को उच्च शिक्षा निदेशक ने उसका आवेदन बिना किसी कारण बताए खारिज करते हुए वापिस भेज दिया।
सरकार (Himachal Govt) का यह रवैया भेदभावपूर्ण रहा क्योंकि उसका आवेदन स्टेट लेवल कमेटी को भेजने से पहले ही बिना कारण बताए वापिस भेज दिया। 2 सितम्बर को सरकार ने एक अधिसुचना जारी कर अवार्ड के लिए प्रार्थी के समकक्ष 3 ऐसे शिक्षकों के नाम की घोषणा की जो उससे मेरिट में कम है। प्रार्थी के अनुसार यह अधिसूचना मेरिट के लिए बिना मापदंड तय किए ही जारी कर दी गई और अपने चहेतों के नामों की घोषणा स्टेट टीचर अवार्ड के लिए कर दी। प्रार्थी ने अवार्ड के लिए चयनित अध्यापक गजेंद्र सिंह ठाकुर, हरीश कुमार ठाकुर और सुरिंदर सिंह का चयन रद्द करने की गुहार लगाते हुए अपने आवेदन पर पुनर्विचार करने के आदेशों की मांग की है।
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