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कुछ कर गुजरने की चाह हो तो कोई भी चांद (Moon) को छू सकता है। कुछ ऐसा ही राजस्थान (Rajsthan) के एक बुजुर्ग ने 77 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा पास की है। दसवीं की परीक्षा पास करने के लिए इन बुजुर्ग को 55 बार असफलता का झेलनी पड़ी थी। इनकी जगह कोई और होता तो वह हार मान जाता। आज के युवाओें को इनसे सीख लेने की जरूरत है, जो परीक्षाओं में फेल होने पर गलत कदम उठाने की सोचते हैं। इस उम्र में इन बुजुर्ग ने हार न मानने की जिद्द में वह 56वीं बार भी पेपर (Paper) देने बैठे और इस बार उन्होंने वो कर दिखाया, जिसका इंतजार कई वर्षों से कर रहे थे। उन्होंने लगातार मेहनत से 56वीं बार में 10वीं पास (10th Pass) कर ली। अब वह 12वीं की तैयारी कर रहे हैं। आइए मिलते हैं इन बुजुर्ग से…
रिपोर्ट के मुताबिक, हुकुमदास का जन्म 1945 में राजस्थान (Rajasthan) के जालौर के सरदारगढ़ गांव में हुआ था। उन्होंने आठवीं क्लास तक की पढ़ाई तीखी गांव से पूरी की थी। 1962 में वह पहली बार 10वीं की परीक्षा में बैठे। तब उन्होंने मोकलसर से यह परीक्षा दी थी। उनका एग्जाम सेंटर (Exam Center) बाड़मेर में पड़ा। उन्होंने परीक्षा तो दी, लेकिन रिजल्ट खराब आया, उन्हें पहली परीक्षा में सप्लीमेंट्री मिली, जबकि दूसरी बार में वह फेल हो गए। इसके बाद उनके साथियों ने उनसे कहा कि तू कभी भी 10वीं पास नहीं कर सकता। हुकुमदास ने इस चुनौती को स्वीकार किया और दोस्तों से कहा कि एक दिन 10वीं पास करके जरूर दिखाऊंगा।
एक तरफ तो हुकुमदास ने दोस्तों की चुनौती को स्वीकार किया थाए तो दूसरी तरफ उनकी राह थोड़ी मुश्किल भी हो गई थी। दरअसल 1-2 साल बाद ही उन्होंने भू-जल विभाग में चतुर्थ श्रेणी स्टाफ के रूप में ज्वाइन कर लिया था। इसके बाद उनकी नियमित पढ़ाई छूट गई। वह पेपर में बैठते थे, लेकिन डिस्टेंस के तहत वह रेगुलर पढ़ाई नहीं कर पाते थे।
हुकुमदास 2005 में जॉब से रिटायर्ड (Retired) हुए। 2010 तक वह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षा में 48 बार बैठ चुके थे और हर बार फेल हो चुके थे। अब उन्होंने स्टेट ओपन बोर्ड से परीक्षा देने की ठानी। 2019 में उन्होंने 10वीं की परीक्षा सेकेंड डिवीजन के साथ पास कर ली। इसके बाद उन्होंने 2021.22 सत्र में क्लास 12 में एडमिशन लिया और अब वह 12वीं के एग्जाम देंगे। पिछले दिनों हुकुमदास ने 12वीं में आर्ट साइड से परीक्षा के लिए एग्जाम फॉर्म जमा कराया। दिलचस्प बात ये है कि इस दौरान उनका पोता स्कूली शिक्षा पूरी कर चुका है।
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