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हिमाचल में नौकरशाही की सुस्ती से हाईकोर्ट नाराज, नीति बनाने में लगा दिए 3 साल
शिमला। पीजी कोर्स में दाखिले के लिए डॉक्टरों को गांवों में नौकरी के एवज में प्रोत्साहन अंक (Appreciation Point) देने की नीति बनाने में हिमाचल प्रदेश के नौकरशाहों (Bureaucracy ) ने सुस्ती दिखाते हुए 3 साल लगा दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में इतना लंबा वक्त लगाने पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने शनिवार को अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पीजी कोर्स (PG Course) करने वाले चिकित्सकों को राज्य सरकार से बड़ी राहत मिली है। अब पीजी कोर्स में प्रवेश पाने के लिए चिकित्सकों (Doctors) को ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी करने के प्रोत्साहन अंक दिए जाएंगे।
क्या कहा कोर्ट ने
अदालत के निर्णय को समय पर लागू न करने पर न्यायाधीश संदीप शर्मा ने कहा कि कानून की महिमा को कायम रखने के प्रति जिम्मेदार अधिकारी उनकी प्रतिबद्धता की कमी दर्शाते हैं। इसके अलावा अधिकारियों की वजह से उन चिकित्सकों को नुकसान हुआ है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक पीजी कोर्स के लिए योग्य थे, लेकिन नीति न बनाने से उन्हें वंचित रहना पड़ा। अदालत ने इस मामले को संबंधित मंत्री के समक्ष रखने के आदेश दिए, ताकि भविष्य में अदालत के निर्णय को समय से लागू किया जा सके। याचिकाकर्ता डॉक्टर अभिनव अवस्थी की याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने ये निर्णय सुनाया।
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