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हिमाचल सरकार ने बदली पीजी नीति, गांवों में डॉक्टरी पर मिलेंगे प्रोत्साहन अंक
Last Updated on August 26, 2023 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Govt) ने मेडिकल में पीजी (PG) करने वाले छात्र-छात्राओं को ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी करने पर प्रोत्साहन अंक (Appreciation Point For Rural Services) देने की नीति को मंजूरी दे दी है। सरकार की नई पीजी नीति जल्दी ही हाईकोर्ट (High Court) में पेश की जाएगी।
राज्य सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट को यह जानकारी उस मामले में दी है, जिसमें राज्य में पीजी करने वाले छात्रों की प्रोत्साहन नीति को 2017 की नीति के मुताबिक ही जारी रखने और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नीति में संशोधन न करने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने मामले की सुनवाई 5 सितंबर को निर्धारित की है।
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यह है पूरा मामला
याचिकाकर्ता डॉक्टर अभिनव अवस्थी ने अदालत को बताया कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन बनाम केंद्र सरकार के मामले में फैसला दिया था। इसके आधार पर राज्य पीजी नीति (State PG Policy) में 2017 में संशोधन किया गया था। इसके तहत सेवारत उम्मीदवारों के लिए प्रोत्साहन प्रणाली शुरू की गई और सेवाकालीन कोटा हटा दिया गया। इसे बाद में 2019 में आंशिक रूप से संशोधित किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों को कुछ लाभ मिला।
पुरानी नीति पर ही चलती रही हिमाचल सरकार
हालांकि, हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद उसी नीति को जारी रखा। इस नीति के तहत चिकित्सकों को प्रोत्साहन अंक देने के लिए हिमाचल प्रदेश को छह भागों में बांटा गया था। याचिकाकर्ता ने इस नीति के खिलाफ 2021 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अदालत ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार पीजी नीति में सुधार का आदेश दिया था। अदालत के आदेशों के बाद अब सरकार ने हिमाचल के दूरदराज, कठिन और ग्रामीण क्षेत्रों का चयन किया है, जिसके आधार पर पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए प्रोत्साहन अंक दिए जाएंगे।