-
Advertisement
हिमाचल हाईकोर्ट: 7 साल की सेवा पूरी करने वाले दैनिक वेतनभोगी के आश्रित करुणामूलक नौकरी के हकदार
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने व्यवस्था दी है कि जो दैनिक भोगी सात वर्ष का सेवाकाल पूरा कर चुका है और उसकी सेवाकाल में मृत्यु के पश्चात् उसके आश्रित करुनामूलक आधार पर नौकरी के हकदार है। न्यायाधीश सीबी बारोवालिया ने मंडी निवासी प्रभी देवी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार (Himachal Govt) को आदेश दिए है कि वह याचिकाकर्ता को करुनामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने बारे तीन महीनों के भीतर विचार करे। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि वह इस बारे अपनी अनुपालना रिपोर्ट अदालत (Court) के समक्ष पेश करे। अदालत ने सरकार के उस निर्णय को निरस्त कर दिया जिसके तहत सरकार ने याचिकाकर्ता को करुनामूलक आधार पर नौकरी देने के आग्रह को ख़ारिज कर दिया था।
यह भी पढ़ें:पूर्व उपकुलपति पद से निष्कासन के खिलाफ हाईकोर्ट में किया चैलेंज, निजी यूनिवर्सिटी को नोटिस
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता का पति वर्ष 1984 से कृषि विभाग में पार्ट टाइम स्वीपर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहा था। वर्ष 2009 में उसकी सेवाएं बतौर दैनिक भोगी तब्दील की गई और दैनिक भोगी पर पांच वर्ष की सेवाए पूरी करने के बाद उसकी सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गई। उसके पश्चात् याचिकाकर्ता ने करुनामूलक के आधार पर नौकरी के लिए विभाग के पास आवेदन किया। विभाग ने इस आवेदन को ख़ारिज करते हुए कहा कि मृतक ने दैनिक भोगी के तौर पर सिर्फ पांच वर्ष का सेवाकाल ही पूरा किया है और राज्य सरकार की अधिसूचना के असुनार करुनामुकल के आधार पर नौकरी पाने के लिए सात वर्ष का सेवाकाल होना चाहिए। हाई कोर्ट ने इस निर्णय को कानून सम्मत ना मानते हुए निरस्त कर दिया और विभाग को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ता को करुनामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने बारे तीन महीनो के भीतर विचार करे।