-
Advertisement
मासूम के हत्यारे को उम्र कैद की सजा हाईकोर्ट ने रखी बरकरार
शिमला (विधि संवाददाता)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने 7 वर्षीय बच्चे के हत्यारे को सुनाई गई उम्रकैद (Life Term) की सजा बरकरार रखी है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जिला सीतामढ़ी बिहार निवासी की अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हत्या के जुर्म के लिए ट्रायल कोर्ट (Trial Court) ने साक्ष्यों के आधार पर सही निर्णय सुनाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हमीरपुर के निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी गई थी। ट्रायल कोर्ट ने नागेंद्र राम उर्फ मुकेश को 7 वर्षीय बच्चे की हत्या करने के जुर्म के लिए दोषी ठहराया था। इस जुर्म के लिए ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्र कैद और 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
यह है पूरा मामला
हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन पर पाया कि नागेंद्र राम वारदात के दिन 7 वर्षीय बच्चे के साथ देखा गया था। यह बच्चा उसकी पत्नी की बहन का बेटा था। वर्ष 2016 में बच्चा राजकीय प्राथमिक पाठशाला सेरी नादौन में दूसरी कक्षा का छात्र था। 18 अक्तूबर 2016 को बच्चा स्कूल गया, लेकिन वापस नही लौटा। उसके पिता ने अपने स्तर पर बच्चे की तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। स्कूल के बाहर दुकान चलाने वाली महिला ने उसे बताया कि उसने स्कूल में छुट्टी के बाद बच्चे को नागेंद्र के साथ लेबर चौक की तरफ जाते देखा था। बच्चे का पिता और दोषी नागेंद्र रिश्ते में साडू लगते है। उसने नागेंद्र से पूछा उसने इनकार कर दिया।बच्चे के पिता ने उसी दिन शाम को बच्चे की गुमशुदगी की लिखित शिकायत दर्ज करवाई।
यह भी पढ़े:हिमाचल के वॉटर सेस को चुनौती देने की याचिका पर सुनवाई 4 दिसंबर को
19 अक्टूबर को भी बच्चे की तलाश जारी रखी गई। जांच-पड़ताल करने के बाद मामले में बनाए दो गवाहों ने बताया कि उन्होंने एक स्कूल बैग लावारिस हालत में पानी के टैंक पर देखा था। बच्चे के पिता ने बैग को अपने गुमशुदा बेटे का बताया। उसने अपने बच्चे की चप्पल पानी पर तैरती हुई देखी। पुलिस को सूचित करने पर टैंक को खाली करवाया गया, जिसमें बच्चे की लाश बरामद की गई।